राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे उनके समकालीन खिलाड़ियों ने भले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो लेकिन सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि वह संन्यास के बारे में नहीं सोच रहे और तब तक खेलते रहेंगे, जब तक खेल का मज़ा ले रहे हैं।
तेंदुलकर ने कैस्ट्रोल वर्ष के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर का पुरस्कार लेने के बाद बुधवार रात कहा कि जब तक सुबह उठने के साथ एक लक्ष्य रहता है, खेलते रहना सार्थक है। जिस दिन मुझे बल्ला पकड़ने में मज़ा नहीं आयेगा, मैं नहीं खेलूंगा। वह पल अभी आया नहीं है। जब आयेगा, मैं खुद बता दूंगा।
पिछले दो दशक से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे तेंदुलकर सौ शतक जमा चुके हैं। वहीं श्रीलंका के खिलाफ वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने के कारण विशेष पुरस्कार पाने वाले सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य देश के लिये सौ टेस्ट खेलना है। उन्होंने दोहरे शतक के बारे में कहा कि उन्होंने गेंदबाजों को कोई छूट नहीं दी थी। उन्होंने यह भी बताया कि जब वनडे क्रिकेट में सचिन दोहरे शतक के करीब थे तो वह थोड़े अंधविश्वासी हो गए थे।
सहवाग ने कहा कि हम सभी ने सोचा था कि यदि सचिन 190 से 200 के भीतर भी आउट होंगे तो हम खड़े होकर तालियां बजायेंगे। लेकिन उन्होंने दोहरा शतक जमाया और सारे खिलाड़ी, सहयोगी स्टाफ बालकनी में दौड़ पड़ा और तालियां बजाई। उस अनुभव को बयान नहीं किया जा सकता।
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