कल शाम 5 बजे अन्ना हजारे अनशन तोड़ देंगे। अन्ना ने जंतर मंतर पर मंच से यह ऐलान किया। टीम अन्ना ने राजनीतिक पार्टी बनाने के भी संकेत दिए हैं। टीम अन्ना ने इस मुद्दे पर जनता से 2 दिनों में राय मांगी है। मगर, इसी बीच अन्ना ने मंच से अपने सवाल भी रखे। उन्होंने कहा कि अगर विकल्प देना है तो इन सवालों पर विचार करना जरूरी है।
अन्ना ने यह भी कहा कि वह खुद तो चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन देश को एक सही राजनीतिक विकल्प देने पर विचार जरूर करेंगे। उन्होंने कहा, अगर सही ढंग से बढ़ें तो जो 65 साल में नहीं हुआ वह तीन साल में हो जाएगा। जंतर मंतर पर टीम अन्ना का अनशन आज 9वें दिन भी जारी है। अन्ना हजारे के अलावा अरविंद केजरीवाल, गोपाल राय और मनीष सिसोदिया अनशन कर रहे हैं।
गुरुवार दोपहर से ही इस बात के आसार दिखने लगे थे कि जल्द ही अनशन तोड़ने पर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। विकल्प देने और राजनीतिक पार्टी बनाने की संभावनाओं पर बातचीत शुरू हो गई थी। इसी बातचीत के दौरान अन्ना हजारे ने मंच से कहा कि शुक्रवार शाम 5 बजे वह अनशन तोड़ेंगे।
इससे पहले टीम अन्ना के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंचे अनुपम खेर ने 23 जाने-माने लोगों द्वारा आंदोलन के समर्थन में लिखा गया एक लेटर पढ़ा। इस चिट्ठी में टीम अन्ना से अनशन तोड़कर देश को नया राजनीतिक विकल्प देने की अपील की गई । लेटर लिखने वालों में पूर्व जनरल वीके सिंह, पूर्व चीफ जस्टिस वीआर कृष्ण अय्यर, पूर्व नौसेना प्रमुख राम तहलियानी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह, प्रख्यात पत्रकार कुलदीप नैयर और अनुपम खेर आदि शामिल हैं।
अनुपम खेर द्वारा मंच पर इस चिट्ठी को पढने के बाद प्रशांत भूषण ने कहा कि अब देश की जनता ही हमें बताए कि हमें राजनीतिक विकल्प देने के बारे में सोचना चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि जनता दो दिनों के भीतर सोशल साइट्स या जैसे भी संभव हो, अपनी राय हमें बता दे। इसके बाद राजनीतिक विकल्प देने पर फैसला किया जाएग।
जंतर-मंतर पर अनुपम खेर ने कहा, 'करप्शन के खिलाफ आवाज उठाना सबका अधिकार है। इस आंदोलन को लोगों तक पहुंचाना बहुत जरूरी है लेकिन पूरी कोशिश की जा रही है कि आंदोलन को अपनी ही मौत मरने दिया जाए।' अनुपम खेर ने सरकार को धिक्कारते हुए कहा कि हम भूखे-प्यासे पड़ोसी का भी हाल-चाल पूछ लेते हैं लेकिन यहां तो अनशन के इतने दिन बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई नहीं आया। उन्होंने कहा, 'मैं जंतर-मंतर पर अपना चेहरा दिखाने नहीं आया हूं। मैं यहां एक आम आदमी की तरह आया हूं। यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक कि करप्शन हमारे समाज से खत्म नहीं हो जाता।'
अनशन के 9वें दिन अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय की तबीयत बिगड़ती ही जा रही है। गोपाल राय को 8वें दिन भी उल्टी हुई थी, जो आज फिर हुई। एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में शरद पवार को थप्पड़ जड़ने वाला हरविंदर सिंह भी जंतर-मंतर पर पहुंच गया। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है। अन्ना हजारे ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जनता कह रही है हमें विकल्प देना चाहिए। मैं भी इस बात से सहमत हूं कि विकल्प देना होगा। लेकिन दो बातों पर सोचना जरूरी है। एक तो यह कि देश से प्यार करने वाले और चरित्रवान लोग ही चुने जाएं। तो हमें और आप सबको यह सुनिश्चत करना होगा कि ऐसे ही लोग हमारी पार्टी में आएं, चुनाव लड़ें और जीतें। दूसरी बात यह कि विकेंद्रीकरण पर सर्वाधिक जोर दिया जाए। बिना इन दो बातों के बगैर कोई विकल्प सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव में जितना खर्च होता है वह खर्च कहां से आएगा। हमें यह भी देखना होगा कि बिना पैसे के चुनाव हम कैसे लड़ेंगे और जीतेंगे। गौर करने की बात यह भी है कि कुर्सी का गुणधर्म ऐसा है कि कुर्सी पर बैठने के बाद बुद्धि बदल जाती है। तो हम कैसे यह सुनिश्चित करें कि हमारी तरफ से जीतने वाले लोग कुर्सी पर बैठने के बाद बदलेंगे नहीं।
अन्ना ने कहा कि मैं तो चुनाव नहीं लड़ूंगा, लेकिन अगर मुझे सपोर्ट करना है तो सोचना होगा। ये सब सवाल मेरे सामने है। अगर चार लाख गांवों की पंचायतें यह घोषणा करें कि हम रिश्वत नहीं लेंगे और न किसी को लेने देंगे, तब उम्मीद बनती है। उन्होंने कहा कि अगर कम से कम तीन लाख ग्राम सभाएं ऐसी घोषणा करें तो मैं खुद निकल पड़ूंगा, देश भर में घूम-घूम कर लोगों से विकल्प देने को कहूंगा। लेकिन ऐसा नहीं होता है तो सही विकल्प देना मुश्किल है। उन्होंने कहा, अगर इन बातों को सोचकर सही ढंग से आगे बढ़ा जाए तो जो पैंसठ साल में नहीं हुआ, वह तीन साल में हो सकता है।
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