कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि 57 कोयला ब्लॉकों के आवंटन की समीक्षा की जा रही है और गलत जानकारी देने की दोषी पाई जाने वाली कंपनी और अधिकारियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई की जाएगी।
जायसवाल ने कहा कि 2009 में दूसरी बार संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार बनने के बाद ही कोयला ब्लॉकों के आवंटन की समीक्षा का काम शुरु कर दिया गया था तथा 26 ब्लॉकों का आवंटन रद्द किया गया तथा कई मामले में नोटिस जारी किया गया।उन्होंने कहा कि इस समय 57 ब्लॉकों के आवंटन की जांच चल रही है। बहुत सी कंपनियों के मामले सामने आ रहे हैं और आवंटन रद्द भी किए जा सकते हैं लेकिन इस बारे में वह जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कह सकेंगे।
जायसवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गलत जानकारी देने वाली कंपनियों के साथ साथ उस जानकारी की सही ढंग से जांच नहीं करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोयला मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान के बाद मामला पूरी तरह साफ हो गया है। सभी आवंटन राज्य सरकारों की सिफारिश पर किए गए तथा कोयला खानों वाले राज्यों के कडे विरोध के चलते कोयला ब्लॉकों का आवंटन नीलामी के जरिए करने की प्रक्रिया शुरु नहीं की जा सकी। उन्होंने कहा कि विपक्ष को संसद में इस मसले पर चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए जिससे जनता को सही सही चीजों का पता चल सके। उन्होंने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के आकलन के बारे में एक बार फिर असहमति जताते हुए कहा कि निजी क्षेत्र को आवंटित किए गए कोयला ब्लॉकों की कोल इंडिया को दिए गए ब्लॉकों से तुलना करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया के सरकारी कंपनी होने के नाते उसे चुनींदा ब्लॉक दिए जाते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें