कोयला घोटाले पर सीएजी की रिपोर्ट शुक्रवार को संसद में पेश होगी। अनुमान लगाया जा रहा है कोयला ब्लॉक बंटवारे में हुआ घोटाला 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से भी बड़ा साबित हो सकता है। बिना नीलामी के कोयला खदानें बांटने पर आज संसद में हंगामा हो सकता है। कोयला खदानों पर सीएजी की रिपोर्ट आज संसद में रखी जानी है। सीएजी की लीक हुई रिपोर्ट में सरकार पर एक लाख 86 हजार करोड़ की चपत लगने की खबरें आई थीं।
संसद में कोयला खदानें बांटने के अलावा दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड यानी डायल, सिविल एविएशन और पावर प्रोजेक्ट्स पर भी सीएजी की रिपोर्ट पेश होगी। इन पर भी हंगामा होने के आसार हैं। इसके साथ ही आज राज्यसभा में व्हिसल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल पर चर्चा होगी।
क्या कोयला खदानें बांटने में 2-जी स्पेक्ट्रम से बड़ा घोटाला हुआ? क्या सरकार को इस घोटाले से 1 लाख 86 हजार करोड़ का चूना लगा? क्या प्रधानमंत्री पर भी कोयले की कालिख लगेगी? इन सवालों पर आज दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। संसद में आज कोयला खदानें बांटने पर सीएजी की रिपोर्ट पेश होगी. कोयला खदानों के बंटवारे को लेकर विपक्ष और अन्ना के सहयोगी यूपीए सरकार पर घोटाले के संगीन आरोप लगाते रहे हैं।
कोयला खदानों का आवंटन बिना नीलामी के किए जाने को लेकर तो अन्ना के सहयोगी सीधे प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं। 2006 से 2009 तक कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के ही पास था। सीएजी की रिपोर्ट से साफ हो जाएगा कि इन आरोपों में कोई दम हैं या फिर ये बेबुनियाद हैं। वैसे कोयला खदानों पर सीएजी की रिपोर्ट पिछले दिनों मीडिया में लीक हो गई जिनमें कहा गया था कि 2004 से 2009 तक बिना नीलामी के कोयला खदानें बांटीं गईं, जिससे सरकार को एक लाख 86 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ये रकम 2-जी स्पेक्ट्रम के एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये के घोटाले से कहीं ज्यादा है। सीएजी की लीक रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि जब प्रधानमंत्री के पास कोयला मंत्रालय था तब बिना नीलामी के खदानें बांटने से वेदांता ग्रुप, आर्सेलर मित्तल, टाटा ग्रुप, जिंदल स्टील एंड पावर, एस्सार और अडानी ग्रुप ने जमकर मुनाफा कमाया
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