एशिया-प्रशांत में सर्वश्रेष्ठ कारोबार करने वाली 50 कम्पनियों की फोर्ब्स की 2012 की सूची में देश की 11 कम्पनियों ने अपना नाम दर्ज कराया है। इसके साथ ही इस सूची में भारत का नाम चीन के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। पिछले वर्ष सात कम्पनियों का नाम इस सूची में दर्ज हुआ था। इस अमेरिकी पत्रिका की 2012 की सूची में जहां बड़ी भारतीय आईटी सॉफ्टवेयर सेवा एवं परामर्श कम्पनियों- एचसीएल और टाटा कंसल्टेंसी की वापसी हुई है, वहीं एक भारतीय दवा कम्पनी सन फार्मास्युटिकल ने पहली बार इस विशिष्ट सूची में अपना नाम दर्ज कराया है।
चीन, 23 कम्पनियों के साथ एक बार फिर इस सूची में शीर्ष पर है। पिछले वर्ष भी वह सूची में पहले स्थान पर था। मलेशिया, जापान, फिलीपींस और सिंगापुर की एक-एक कम्पनियां इस वर्ष इस सूची में जगह बना पाई हैं। दक्षिण कोरिया की मात्र चार कम्पनियों के नाम इस वर्ष इस सूची में दर्ज हो पाए हैं, जबकि पिछले वर्ष यहां से आठ कम्पनियों के नाम दर्ज हुए थे। फोर्ब्स ने कहा है कि मंद अर्थव्यवस्था ने महान कम्पनियों में से सिर्फ अच्छी रहीं कम्पनियों को साफ कर दिया है। पत्रिका के अनुसार इस वर्ष 15 नई कम्पनियां दर्ज हुई हैं। इसके अलावा 10 कम्पनियां बीते वर्षो के दौरान गायब होने के बाद फिर से सूची में प्रवेश की हैं।
साल-दर-साल सूची में शामिल होने वाली कई कम्पनियां, जैसे कि आस्ट्रेलिया की वेसफार्मर्स, भारत की महिंद्रा एंड महिंद्रा और ताईवान की एचटीसी इस वर्ष सूची में स्थान नहीं बना पाई हैं। बहरहाल, भारत की जिन कम्पनियों ने इस सूची में वरीयता के साथ स्थान हासिल किया है, उनमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसिस (4), आईटीसी (5), एचडीएफसी बैंक (6), भारती एयरटेल (9), टाटा मोटर्स (16), सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज (18), बजाज आटो (27), कोटक महिंद्रा बैंक (29), एचसीएल टेक्न ोलॉजीज (33), टाइटन इंडस्ट्रीज (37) और एशिन पेंट्स (41) शामिल हैं।
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