बंद से देश को 12,500 करोड़ रुपये का नुकसान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 20 सितंबर 2012

बंद से देश को 12,500 करोड़ रुपये का नुकसान


भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने गुरुवार को कहा कि डीजल मूल्य वृद्धि और बहुब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के फैसले के विरुद्ध आहूत गुरुवार की देशव्यापी हड़ताल से भारतीय अर्थव्यवस्था को 12,500 करोड़ रुपये (2.25 अरब डॉलर) का नुकसान होने का अनुमान है। सीआईआई ने कहा, "आज के बंद से देश के कई हिस्से में व्यवसाय और व्यापार का नुकसान हुआ। नुकसान का निश्चित आंकड़ा पता नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन यह अनुमान है कि उत्पादन और व्यापार के प्रभावित होने से देश को 12,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।"

औद्योगिक संगठनों ने कहा कि सरकार को राजनीकि दबाव में सुधार के फैसले से पीछे नहीं हटना चाहिए। सीआईआई ने कहा, "अच्छी आर्थिक सोच से अच्छी राजनीति नहीं हो सकती है। इसलिए आम आदमी को सुधार के सरकार के फैसले के सकारात्मक पहलुओं के बारे में बताया जाना जरूरी है।" सरकार के फैसले के विरुद्ध आश्चर्यजनक रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी पार्टियों के नेता साथ हो गए।

सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के कुछ सहयोगियों खासकर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भी सरकार के फैसले का विरोध किया लेकिन उन्होंने बंद को समर्थन नहीं दिया। सीआईआई के अध्यक्ष आदि गोदरेज ने उम्मीद जताई की विभिन्न पार्टियां देश में चिर प्रतीक्षित आर्थिक सुधार लाने के लिए काम करेंगी।

कोई टिप्पणी नहीं: