महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार और एनसीपी मंत्रियों के इस्तीफे से राज्य में राजनीति गरमा गई है। अब 12 निर्दलीय विधायक भी अजीत के पक्ष में समर्थन में खुलकर आ गए हैं। उनका कहना है कि अगर अजीत नहीं रहेंगे, तो वह भी सरकार को समर्थन नहीं देंगे। निर्दलीय विधायक इस मुद्दे पर एनसीपी के दफ्तर में बैठक करने जा रहे हैं। इस बीच एनसीपी के दिग्गज नेता छगन भुजबल ने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला शुक्रवार को शरद पवार करेंगे।
मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने अभी तक अजीत का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। वह अजीत से बातचीत की कोशिश में लगे हैं। चव्हाण ने कांग्रेस के मंत्रियों की बैठक भी बुलाई है। आज दोपहर दो बजे एनसीपी विधायकों की अहम बैठक भी होने जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी के बड़े नेता और वर्तमान में महाराष्ट्र योजना आयोग के अध्यक्ष बाबासाहब सुपेकर के निधन के बाद बैठक में सिर्फ कुपेकर के निधन पर शोक प्रस्ताव लाया जाएगा और संभवतः इसके बाद को स्थगित कर दिया जाए।
एनसीपी प्रवक्ता के अनुसार एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाबा साहेब कुपेकर के निधन की वजह से बैठक में शोक प्रस्ताव रखा गया है। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में ताजा हालात पर कोई बात होना मुश्किल है। शिंडे ने कहा कि ताजा हालात पर कब बात होगी इस बारे में बाद में बताया जाएगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, अजीत के प्रति वफादारी रखने वाले बहुत से विधायक इस बात पर अड़े हैं कि पार्टी को सरकार से अलग हो जाना चाहिए और पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाली सरकार को बाहर से समर्थन देना चाहिए। कांग्रेस और एनसीपी का 13 साल पुराना गठबंधन मंगलवार को उस समय संकट में आ गया जब 1999 से 2009 के बीच जल संसाधन मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सिंचाई परियोजनाओं में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले की खबरों के बाद शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
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