कोयला ब्लॉकों के आवंटन को लेकर जारी विवाद के बीच कुल 90 कोयला ब्लॉक ऐसे हैं जिनका आवंटन रद्द होने का अंदेशा बना हुआ है। इन ब्लॉकों से उत्पादन अभी तक शुरू नहीं हुआ है और ऐसे में ये जांच के घेरे में हैं। इनमें से 58 कोयला ब्लॉक तो ऐसे हैं जिनके भाग्य का फैसला तत्काल होना है।
अंतर मंत्रालयी समूह इनके बारे में आज निर्णय करेगा। सरकार ने पहले ही इन 58 ब्लॉकों के आवंटन रद्द किए जाने के नोटिस भेज रखे हैं। इनमें से 33 ब्लॉकों का आवंटन सरकारी कंपनियों को और 25 का निजी क्षेत्र की कंपनियों को किया गया है। सूत्रों ने बताया कि अंतर मंत्रालयी समूह की और बैठकों में 32 अन्य ब्लॉकों पर विचार विमर्श होगा। इन 32 मामलों पर मंत्री समूह की पिछली बैठक में समीक्षा हुई थी। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कल कहा कि ऐसा कोई भी ब्लॉक जिसका आवंटन गलत तरीके से हुआ है या फिर जिनमें उत्पादन शुरू नहीं हुआ है, रद्द किया जा सकता है। सरकारी आंकड़े के अनुसार पिछले एक दशक से अधिक में सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों को कुल 195 ब्लॉकों का आवंटन किया गया है। इनमें से सिर्फ 30 में उत्पादन शुरू हो सका है।
संसद में हाल में पेश नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र की कंपनियों को बिना नीलामी के 57 खदानों के आवंटन से उन्हें 1.86 लाख करोड़ रुपये का अनुचित लाभ पहुंचाया गया। अंतर मंत्रालयी समूह में विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल हैं। समझा जाता है कि समूह ऐसे ब्लॉकों का आवंटन रद्द करने की सिफारिश कर सकता है जिन्होंने विकास संबंधी दिशा-निर्देशों को पूरा नहीं किया है। सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों ने मंत्रालय को भेजे जवाब में कोयला ब्लॉकों का विकास न किए जाने के लिए कई कारण बताए हैं। इन कारणों में भूमि अधिग्रहण की समस्या, वन एवं पर्यावरणीय मंजूरी में देरी और कानून एवं व्यवस्था की समस्या आदि शामिल हैं।
1 टिप्पणी:
दाने दाने को दिखा, कोयलांचल मुहताज ।
दान दून दे दनादन, दमके दिल्ली राज ।
दमके दिल्ली राज, घुटे ही करें घुटाला ।
बाशिंदों पर गाज, किसी ने नहीं सँभाला ।
नक्सल भी नाराज, विषैला धुवाँ मुहाने ।
धधके अंतर आग, चली सरकार पदाने ।।
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