डीजल मूल्य वृद्धि, रसोई गैस और बहुब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर लिए गए फैसलों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए तृणमूल कांग्रेस के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद सरकार के समक्ष मुश्किल हालात खड़े हो गए हैं। अन्य सहयोगी डीएमके, एनसीपी दल भी सरकार के फैसले के खिलाफ नजर आ रहे हैं, जिससे यह संभावना बन रही है कि सरकार इनके दबाव के आगे झुक जाएगी। इस बीच, डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने भी कहा है कि वह 20 सितंबर को आहूत बंद में शामिल होंगे।
इन हालातों के बीच प्रधानमंत्री निवास पर कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक बुधवार सुबह में होगी, जिसमें आगे की रणनीति को तय किया जाएगा। अब चूंकि संप्रग सरकार मुश्किलों में घिर गई है और वहीं तृणमूल के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी कहा है कि वह कोई भी अंतिम फैसला 20 सितम्बर को आहूत बंद के बाद ही लेगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में मंगलवार को घोषणा की कि उनके मंत्री शुक्रवार को प्रधनमंत्री मनमोहन सिंह को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संप्रग से समर्थन वापस लेगी। हालांकि ममता की इस घोषणा के बाद कांग्रेस ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस उसकी अहम सहयोगी है और अंतिम निर्णय तक वह हमारी सहयोगी बनी रहेगी।
ममता ने समर्थन वापसी का फैसला कोलकाता में पार्टी के सांसदों एवं मंत्रियों की बैठक में विचार के बाद किया और उन्होंने केंद्र सरकार पर कई आरोप भी लगाए। ममता का कहना है कि इस सरकार ने कई बार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए। बार-बार हमने ऐसा न करने का अनुरोध किया लेकिन हमारी एक न सुनी गई। हमारी बातों को नजरअंदाज किया गया। सरकार के फैसलों से आम आदमी परेशान है। ममता ने केंद्र सरकार पर खुलकर आरोप लगाया कि कोयला ब्लॉक आवंटन से देश का ध्यान हटाने के लिए सरकार ने एफडीआई और मूल्य वृद्धि का फैसला किया।
ममता ने यह भी कहा कि आज कड़ा फैसला नहीं लिया गया तो कल ये सरकार पेंशन विधेयक लेकर आएगी और आपका सारा पेंशन ले लेंगे। इसी तरह दाम बढ़ाए जाते रहेंगे। ममता ने डीजल की कीमतों में हुई वृद्धि और बहुब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर केंद्र सरकार को 72 घंटे की मोहलत दी थी, लेकिन केंद्र सरकार के रुख में कोई बदलाव न आने पर उन्होंने यह फैसला किया। संप्रग सरकार की दूसरी सबसे बड़ी घटक तृणमूल के समर्थन वापस लेने के फैसले पर कांग्रेस ने कहा कि तृणमूल उसकी बहुमूल्य सहयोगी है और अंतिम परिणाम सामने आने तक वह उसे अपनी घटक मानती रहेगी।
कांग्रेस महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि जब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता तब तक हम तृणमूल कांग्रेस को अपना बहुमूल्य सहयोगी मानते रहेंगे। वैसे आज कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक के बाद तय होगा यूपीए सरकार इन मुश्किल हालातों में क्या रणनीति बनाएगी।
उन्होंने कहा कि तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कुछ मुद्दे उठाए हैं, जिन पर सरकार के साथ विचार-विमर्श होगा। द्विवेदी ने जोर देते हुए कहा कि इन मुद्दों पर सरकार के साथ सचमुच बातचीत होगी। सपा का कहना है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग का तौर तरीका ठीक नहीं है और पार्टी आगे का निर्णय 20 सितम्बर के बाद लेगी। सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार जिस तरह से काम कर रही है वह सही नहीं है। इसलिए ममता ने समर्थन वापस लिया। यादव ने कहा कि कांग्रेस इस तरह काम कर रही है जैसे कि उसे दो तिहाई बहुमत प्राप्त है। उन्होंने कहा कि सपा अपना निर्णय 20 सितम्बर को आयोजित देशव्यापी बंद के बाद पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में लेगी।
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