राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बुधवार से जम्मू एवं कश्मीर का तीन दिवसीय दौरा करेंगे। इस दौरान वह यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर के दीक्षांत समारोह में भी भाग लेंगे। इस साल जुलाई में राष्ट्रपति का कार्यभार सम्भालने के बाद यह मुखर्जी की पहली कश्मीर यात्रा होगी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कश्मीर पहुंचने से पहले ही उनके दौरे का विरोध शुरू हो गया है।
मंगलवार को कश्मीर विश्चविद्यालय में प्रतिबंधित कश्मीर यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के समर्थकों ने काले झंडे लहराकर प्रदर्शन किया। हालांकि इसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने परिसर में लगे विभिन्न जगहों पर काले झंडों को हटा दिया। छात्रसंघ ने राष्ट्रपति के दौरे के खिलाफ कॉलेज के परिसर में काला सप्ताह मनाने का फैसला किया है।
राष्ट्रपति चुनाव से पहले समर्थन जुटाने रियासत के दौरे पर आए प्रणब मुखर्जी आवाम और सियासी दलों से किए वादे को बुधवार को पूरा करने जा रहे हैं। प्रणब दा ने राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद रियासत का दौरा करने का वादा किया था। बुधवार को राष्ट्रपति के सम्मान में राज्यपाल राजभवन में रात्रि भोज आयोजित करेंगे। वीरवार को राष्ट्रपति कश्मीर विवि के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इसके बाद शाम को वे प्रसिद्ध डल झील की भी सैर करेंगे। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला राष्ट्रपति के सम्मान में एसकेआईसीसी में रात्रि भोज आयोजित करेंगे।
वहीं ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने 27 सितंबर को कश्मीर बंद का ऐलान किया है। राष्ट्रपति दौरे के देखते घाटी भर में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। बड़े पैमाने पर संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। एयरपोर्ट से लेकर राजभवन तक सुरक्षा प्रबंधों की लगातार समीक्षा की जा रही है।
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