केंद्र सरकार के सहयोगी दल एक-एक करके उससे अपनी नाराजगी जता रहे हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए और देश के आर्थिक सुधारों के बारे में सरकार के नये कदमों का एक तरह अनुमोदन कराने के प्रयासों के तहत यूपीए समन्वय समिति की गुरुवार को बैठक बुलाई गई है. दो दिन पहले ही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पूरी तरह से समर्थन किया था.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली समिति की बैठक में देश के समक्ष उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों पर सत्तारूढ गठबंधन की ओर से समन्वित प्रतिक्रिया तैयार करने का प्रयास किये जाने की उम्मीद है. संप्रग समन्वय समिति की बैठक महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के इस्तीफे के कारण उत्पन्न राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में बुलाई गई है. इस संकट के कारण महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन में दरारें गहरा गई हैं. इस समिति का गठन पिछले महीने संप्रग के सुचारू रूप से कामकाज सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया था जब कांग्रेस के सहयोगी एनसीपी ने सत्तारूढ गठबंधन में समन्वय की कमी का विषय उठाया था. समिति की अब तक दो बार बैठक हुई हैं.
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले तृणमूल कांग्रेस के संप्रग गठबंधन से अलग होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली समन्वय समिति की यह पहली बैठक है. संप्रग सरकार की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी रही तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा में 19 सांसद है. तृणमूल ने बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई, डीजल की कीमतों में वृद्धि और रसोई गैस सिलेंडर की राशनिंग के विरोध में सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है जब सरकार को आर्थिक सुधारों के नये कदमों के बारे में विपक्ष के तीखे हमलों का सामना करना पड़ रहा है.
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