पटना की महिलाओं में खौफ. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 2 सितंबर 2012

पटना की महिलाओं में खौफ.


राजधानी पटना और आसपास के इलाके में महिला और युवतियां महफूज नहीं हैं. वहीं महिलाओं में खौफ है. बीच सड़क पर जहां परिजनों को चाकू मारकर अगवा करने की घटनाएं घट रही हैं वहीं घर में घुसकर महिला की हत्या की जा रही है.  

सरेआम महिला से सोने की चेन लूटी जा रही है तो कॉलेज में प्रोफेसर ही शिष्या के साथ अश्लील हरकत कर रहे हैं. घटनाओं की कड़ी में वर्दी भी पीछे नहीं रही और अपने ही थाने के नाम के नीचे इंस्पेक्टर ने एक युवती से दुराचार का प्रयास किया. 

पुलिस जहां कॉलेज ऑफ कॉमर्स के मामले में प्रोफेसर के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उनकी गिरफ्तार के लिए छापेमारी कर रही है वहीं पीरबहोर थाने के निलंबित इंस्पेक्टर को अभयदान दिया जा रहा है. उनके खिलाफ पुलिस अभी जांच ही कर रही है.पुलिस राजधानी में प्रभावकारी व्यवस्था का दम भर रही है जबकि जमीनी हकीकत यह है कि पुलिस व्यवस्था घोषणा मात्र ही रह गयी है.

राजधानी में छात्राओं और महिलाओं के साथ छेड़खानी और र्दुव्‍यवहार का यह नया मामला नहीं है. इसे पूर्व कई बार राजधानी छात्रा और युवती के साथ हुए बलात्कार और छेड़खानी के मामले को लेकर नागरिकों का कोपभाजन बन चुकी है. अभिभावकों ने भी मोर्चा खोल दिया था. पूर्व में भी कई तरह की कवायदें शुरू की गयीं जो धीरे-धीरे बंद कर दी गयीं. सन् 2002 में राजधानी के एक नामचीन स्कूल की बस से जा रही छात्राओं के साथ वाहन रोककर राजेन्द्र नगर के समीप छेड़खानी की गयी थी. 

तत्कालीन एसएसपी सुनील कुमार ने घटना के बाद राजधानी के स्कूल-कॉलेजों के समीप गश्ती की व्यवस्था की थी लेकिन समय के साथ ही पुलिस सुस्त पड़ गयी.इसके बाद 2009 में भी एक घटना ने राजधानी को हिलाकर रख दिया. गांधी मैदान थाने के एक्जीबिशन रोड में एक युवती को मोबाइल चोरी के नाम पर सरेआम बीच सड़क पर निर्वस्त्र कर दिया गया था. पुलिस घटना से इनकार करती रही.  मामले ने तूल पकड़ा और तत्कालीन आईजी सुनील कुमार, डीआईजी जेएस गंगवार, एसएसपी मलार विजी और टाउन डीएसपी संजय सिंह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया. इसी तरह 2010 में कोतवाली थाने के आयकर गोलंबर के समीप छात्रा के साथ छेड़खानी करने वाले पुलिसकर्मी के बेटे और उसके दोस्त ने उसके पिता की पिटाई कर दी थी.
एसएसपी अमृत राज के मुताबिक बदमाशों को दबोचने की मुकम्मल व्यवस्था की गयी है. एकाध मामले को छोड़कर पुलिस ने सभी में आरोपितों को दबोच कर सलाखों के पीछे कर दिया है.

कोई टिप्पणी नहीं: