झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उसके छह अन्य सहयोगियों पर मंगलवार को हवाला मामलों की विशेष अदालत में कुल 3549 करोड़ 72 लाख रुपये के हवाला घोटाले में आरोप तय कर दिए गए। हवाला मामलों की एनएन सिंह की विशेष अदालत में आज पूर्व मुख्यमंत्री कोड़ा समेत अन्य आरोपियों की उपस्थिति में आरोप तय किए गए। उन पर अन्य अधिनियमों की अनेक धाराओं के साथ हवाला निरोधक अधिनियम की धारा चार के तहत भी आरोप तय किए गए। अब इन सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही प्रारंभ हो सकेगी।
हवाला घोटाले का यह मामला मधु कोड़ा के 2005 से दिसंबर 2006 तक झारखण्ड के खान मंत्री रहने और फिर सितंबर 2006 से अगस्त 2008 तक उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान का है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर स्वयं 1340 करोड़ रुपये का हवाला के माध्यम से विदेशों में निवेश किया जबकि उनके अन्य सहयोगियों ने भी कुल मिलाकर 2200 करोड़ रुपये से अधिक की रकम अवैध ढंग से उनके पद का दुरुपयोग कर कमाई और हवाला के माध्यम से मध्य पूर्व और पूर्वी एशिया के देशों में निवेश किया। इस मामले में मनोज बाबूलाल पुनमिया और पूर्व मंत्री कमलेश सिंह जमानत पर हैं जबकि अन्य पांचों आरोपी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। मधु कोड़ा के मंत्री और मुख्यमंत्री काल के हवाला के इस मामले में जहां कोड़ा पर 1340 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है वहीं उनके सहयोगियों विनोद सिन्हा पर 915 करोड़, विकास सिन्हा पर 45 करोड़, मनोज पुनमिया पर 58 करोड़ 69 लाख, अरविंद व्यास पर 1020 करोड़, कमलेश सिंह पर चार करोड़ 40 लाख और विजय जोशी पर भी हवाला के जरिये विदेशों में सैकड़ों करोड़ रूपए के अवैध निवेश के आरोप हैं।
कोड़ा के खिलाफ इस घोटाले में जांच की शुरुआत करते हुये आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने 31 अक्तुबर 2009 को पूरे देश में एक साथ 69 स्थानों पर छापेमारी की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और 30 नंबवर 2009 से वह न्यायिक हिरासत में बिरसा मुण्डा जेल में बंद हैं। कोड़ा पर आयकर विभाग केंद्रीय जांच ब्यूरो प्रवर्तन निदेशालय और झारखण्ड निगरानी ब्यूरो एक साथ जांच कर रहे हैं और सभी मामलों में अलग-अलग मुकदमे चल रहे हैं।
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