आरुषि-हेमराज ह्त्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद 25 जुलाई को जेल में बंद नूपुर तलवार जेल से रिहा हो सकती हैं। 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर की जमानत मंजूर कर ली थी और 25 सितम्बर को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे। यदि नूपुर तलवार फैमिली ट्रायल कोर्ट की जमानत के लिए मांगी जाने वाली औपचारिकता पूरी कर देते हैं, तो मंगलवार को ही नूपुर जेल से बाहर आ जाएंगी। इस दौरान जेल में बंद रहते हुए वह सामान्य बंदियों की तरह रही,वहां उन्होंने दूसरी महिला बंदियों की हर तरह से मदद भी की। अब वह जेल में आरुषि केयर सेन्टर खोलना चाहती है, जिसकी अनुमति जेल प्रशासन से मांगी है।
आरुषि-हेमराज ह्त्या लोगों के लिए भले ही पहेली हो, लेकिन आरुषि की मां नूपुर तलवार इस पर से पर्दा उठाएंगी। जेल में बंद नूपुर इस दोहरे ह्त्या केस पर एक किताब लिख रही हैं, जो एक तिहाई पूरी हो चुकी है। हालांकि अदालत से इजाजत नहीं मिलने से वह अपनी किताब पूरी नहीं कर पाई। लेकिन जैसे ही वह जेल से बाहर होंगी, इसे पूरा करेंगी और लोगों को इस किताब के जरिये इसका सच बतायेंगी।
जेल अधीक्षक डॉक्टर विरेश राज शर्मा के अनुसार जेल में नूपुर का आचरण सामान्य रहा। जेल अधिकारियो का कहना है कि जेल में नूपुर ने अशिक्षित महिलाओं को पढ़ाया और साफ़ सफाई के बारे में बताया। जेल में योग और आर्ट ऑफ़ लिविंग के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 30 अप्रैल को नूपुर ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ग़ाज़ियाबाद की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया था, तभी से वह यहां डासना जेल में बंद है। 148 दिनों तक जेल में रहने के बाद आज वह रिहा हो सकती हैं। लेकिन असली परीक्षा तो अभी बाकी है, क्योंकि जमानत पर वह जेल से भले ही रिहा हो जाये, लेकिन अपनी बेगुनाही न्यायालय में साबित करनी होगी। इसका ट्रायल अभी जारी है।
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