पत्नी के घरेलू कामकाज पर सरकार एक कानून बनाने जा रही है. केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एक ऐसे कानून बनाने जा रहा है जिसमें प्रत्येक पति को अपनी पत्नी को घरेलू कामकाज के एवज में अपनी कमाई का 10 से 20 प्रतिशत हर माह देना पडेगा. केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कृष्णा तीरथ ने कहा कि मंत्रालय इस प्रस्ताव का प्रारूप तैयार करवा रहा है. जल्द ही कैबिनेट में भी इसे पेश किया जाएगा. इस प्रस्ताव के कानून बनते ही हर पति को अपनी पत्नी को हर महीने एक तय तनख्वाह देना कानूनन अनिवार्य हो जाएगा.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. मंत्रालय के मुताबिक प्रारूप बनाने के बाद अगले छह महीने के भीतर इस प्रस्ताव को कानून बनाने के लिए संसद में पेश करने की योजना भी है. इसके तहत एक बेलदार मजदूर से लेकर टॉप कंपनियों में काम करने वाले एक्जीक्यूटिव तक सभी शामिल होंगे. पुरुषों को अपनी पत्नी के लिए बैंक में खाता खुलवाना होगा और हर महीने तय रुपए जमा कराने होंगे. इस खाते से सिर्फ खाताधारक ही पैसे निकाल सकेगी.
कृष्णा तीरथ का कहना है कि देश में लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं शादी के बाद घर-गृहस्थी संभालने में लग जाती हैं लेकिन इससे उन्हें कोई निश्चित आय नहीं होती. उन्होंने कहा कि इसकी जरूरत तब महसूस होती है जब किसी कारणवश तलाक होने या पति की मौत के बाद महिला के पास जीवन यापन के लिए कुछ नहीं रह जाता. कृष्णा तीरथ का कहना है कि यह कदम महिला सशक्तीकरण के लिए उठाया जा रहा है. मकान या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में महिलाओं के लिए छूट की योजना प्रचलित हो गई है. ठीक इसी तरह इसे भी लागू कराने की कोशिश होगी.
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