तृणमूल कांग्रेस के यूपीए सरकार से हटने के बाद इस हफ्ते केंद्रीय कैबिनेट में बड़े पैमाने पर फेरबदल की संभावना है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से आर्थिक सुधारों के एजेंडे को अमल में लाने के संकेतों के मद्देनजर कैबिनेट में फेरबदल का मामला काफी अहम साबित हो सकता है।
सड़क एवं परिवहन मंत्री सी पी जोशी को पहले ही रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जा चुका है। रेल मंत्रालय करीब 16 साल बाद कांग्रेस के हाथ आया है। अटकलें तो इस तरह की भी हैं कि मंत्रालयों के वितरण में खास तौर पर काबिलियत को तरजीह दी जाएगी, ताकि अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज की जा सके।
तृणमूल कांग्रेस के छह मंत्रियों के इस्तीफे के बाद पश्चिम बंगाल के दो-तीन कांग्रेस नेताओं को मंत्री पद सौंपा जा सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी की पत्नी दीपा दासमुंशी और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के धुर विरोधी अधीर चौधरी को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य को भी मंत्री पद दिए जाने की उम्मीद है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवालय में भी बड़े फेरबदल होने हैं। अमेठी से सांसद राहुल गांधी को संगठन में और बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। मंत्रिमंडलीय फेरबदल में ऐसा भी हो सकता है कि जिन मंत्रियों को एक से अधिक मंत्रालयों का प्रभार सौंपा गया है, उनके पास सिर्फ एक ही मंत्रालय का प्रभार रहने दिया जाए। बेनी प्रसाद वर्मा, कपिल सिब्बल, सी पी जोशी, वीरप्पा मोइली और व्यालार रवि ऐसे मंत्रियों में से हैं जिनके पास अभी दो मंत्रालयों का प्रभार है।
विलासराव देशमुख की मौत के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में महाराष्ट्र से संबंध रखने वाला अभी कोई मंत्री नहीं है।
राहुल गांधी के करीबी तीन-चार युवा नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। मीनाक्षी नटराजन और माणिक टैगोर के नाम चर्चा में हैं। पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय एवं कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल कोयले के ब्लॉकों के आवंटन मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। 2जी घोटाले से पैदा हुए विवादों के बाद ए राजा और दयानिधि मारन के इस्तीफा देने के बाद द्रमुक कोटे की भी दो सीटें खाली हैं।
सूत्रों ने बताया कि सरकार और कांग्रेस पार्टी में कभी भी फेरबदल हो सकते हैं क्योंकि ऐसी संभावना है कि कुछ मंत्रियों को संगठन से जुड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जाए। मंत्रिमंडल में होने वाले फेरबदल को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि नयी टीम ही अगले लोकसभा चुनावों तक पार्टी की अगुवाई करेगी। फेरबदल या तो इस हफ्ते या फिर अगले महीने हो सकता है। फेरबदल की संभावित तारीख 25 या 28 सितंबर हो सकती है, क्योंकि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 26 और 27 सितंबर को कश्मीर के दौरे पर होंगे। 30 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच का वक्त हिंदू कैलेंडर के मुताबिक शुभ नहीं माना जा रहा।
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