मुकुल राय के इस्तीफे के बाद सड़क परिवहन मंत्री सीपी जोशी ने रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला और कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण और मुसाफिरों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. तृणमूल कांग्रेस के संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के साथ मुकुल राय सहित पार्टी के सभी छह मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था.
रेल मंत्रालय का प्रभार संभालने और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद 62 वर्षीय जोशी ने कहा, ‘‘यात्रियों की सुविधाओं और रेलवे के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के साथ साथ यात्रियों की सुरक्षा मेरी शीर्ष प्राथमिकता होगी.’'कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री जोशी ने कहा कि रेल अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा करने के बाद वह अपने मंत्रालय का एजेंडा तय करेंगे. ‘‘लक्ष्य यह है कि भारत के आर्थिक विकास में रेलवे की सक्रिय भूमिका हो.’’
आठ साल के संप्रग शासनकाल के दौरान यह पहला मौका है जब रेल मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री की जिम्मदारी किसी कांग्रेस नेता के पास आयी है. अब तक कांग्रेस के नेता इस मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. संप्रग एक के दौरान राजद के नेता लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, जबकि संप्रग दो में यह मंत्रालय तृणमूल कांग्रेस के पास था. तृणमूल कांग्रेस की ओर से पहले ममता बनर्जी रेल मंत्री बनी. उनके पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी पार्टी के दिनेश त्रिवेदी और फिर मुकुल राय रेल मंत्री बने थे.
2009 में पहली बार लोकसभा सदस्य बने जोशी को संप्रग दो सरकार में पहले ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री बनाया गया और उसके बाद पिछले साल उन्हें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. यात्री किराये में प्रस्तावित बढ़ोत्तरी को वापस लेने से रेलवे पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा, ‘‘इस बारे में बात करना अभी बहुत जल्दबाजी होगी. मैं इन मुद्दों पर अपने अधिकारियों के साथ चर्चा करूंगा. मुझे पहले मंत्रालय को समझ लेने दीजिए.’’ आर्थिक मोर्चे के अलावा रेलवे सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण जैसे मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना कर रहा है.
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