उद्योगपतियों के विचार को खारिज करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों के लिए बुनियादी ढांचे और बिजली की कमी है.
लालू ने 10 सकरुलर रोड स्थित अपने आवास पर कहा, ‘उद्योग धंधों की स्थापना के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं. औद्योगिक गतिविधियों के लिए बिहार में जरूरी बिजली और बुनियादी ढांचा कहां है?’
बिहार राज्य औद्योगिक निवेश परामर्श परिषद की बैठक में सदस्य उद्यमियों और बैंकरों द्वारा राजग सरकार के कार्यकाल में बिहार राज्य में कानून व्यवस्था और औद्योगिक विकास की तारीफ को लालू ने अतिश्योक्ति बताया.
लालू ने राज्य में कानून व्यवस्था और औद्योगिक निवेश को लेकर उद्योगपतियों और बैंकरों से कथित तौर पर ढोल पीटने को लेकर कहा, ‘केवल एयरकंडीशनर कक्ष में बैठ कर बयान देने से नहीं होता. वे जमीनी हालात आकर देखें.’ राजद सुप्रीमो ने व्यंग्य करते हुए कहा कि बिहार सरकार के खर्चे पर उद्योगपति यहां आ रहे हैं. इसलिए वे मेहमान (राज्य सरकार) का मन रखने के लिए तारीफ कर दे रहे हैं. राज्य में राजग सरकार के कार्यकाल में न तो विधि व्यवस्था के हालात अच्छे हुए हैं और न ही औद्योगिक विकास हुआ है. भूमि अधिग्रहण, बिजली की समस्या और सत्ता के गलियारों में भ्रष्टाचार अब भी निवेशकों के चिंता का सबब है.
निवेश परिषद द्वारा नीतीश सरकार की पीठ थपथपाये जाने पर उन्होंने कहा कि निवेशकों को बिहार में बुलाकर वह आगामी चुनावी संभावनाओं को देख रहे हैं. यह एक प्रकार से आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर जनता के लिए एक ‘लालीपाप’ है. राजद अध्यक्ष ने कहा कि बीते विधानसभा चुनावों से पहले भी मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों और बैंकरों के साथ एक बैठक की थी. उन्होंने विधानसभा चुनावों के दौरान लाभ के लिए इसका राग अलापा था. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग और उसके लिए अधिकार रैली का आयोजन, उद्योगपतियों को न्यौता और निवेश की बात सब आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा है.
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