काले नाग के डंसने के बाद भी जीवित है. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 25 सितंबर 2012

काले नाग के डंसने के बाद भी जीवित है.


सर्पदंश की वजह से भारत समेत दुनिया के कई देशों में बडी संख्या में लोग मारे जाते हैं। एशिया और अफ्रीका में बडी संख्या में सांप पाए जाते हैं और कई बार इनसे जुडी सामान्य जानकारी न होने की वजह से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पडती है। सांपों के जहर व उनके इलाज से जुडी जानकारी को दुनियाभर में प्रसारित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनोखी पहल की है। संगठन ऐसी वेबसाइट शुरू करने जा रहा है, जो पूरी तरह से सांपों पर केंद्रित होगी।


हर साल 25 लाख शिकार - गौरतलब है कि दुनिया भर में हर साल हजारों लोग सांप के काटे जाने से या तो जान गंवा बैठते हैंए या अपाहिज हो जाते हैं। अनुमान के अनुसार प्रति वर्ष कम से कम 25 लाख लोग सांप के जहर का सामना करते हैं। अफ्रीका और भारत जैसे देशों में खतरनाक प्रजाति के विषैले सांप पाए जाते हैं और जब ये एक बार काट लें, तो इसके बचाव के लिए दवा की पहचान मुश्किल होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर सांप के विष के लिए अलग दवा होती है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट आम लोगों के काम आ सकती है।



दवा की पहचान - इस वेबसाइट पर दुनियाभर के विषधर सांपों की तस्वीरें होंगी और यह जानकारी भी होगी कि किस सांप के काटने पर कौन सी दवा इस्तेमाल की जाए। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अधिकतर लोगों की मौत सांप काटने से सिर्फ इसलिए होती है, क्योंकि उन्हें ये नहीं पता चल पाता है कि कौन सी दवा का इस्तेमाल किया जाए। इस वेबसाइट के जरिए सरकारी विभाग विभिन्न दवाओं को अपने यहां स्टोर भी कर पाएंगे। 


---संतोष गंगेले---

कोई टिप्पणी नहीं: