मनरेगा दिवस पर जिलों में पंचायतवार मनरेगा संबंधित जांच में कई तरह की अनियमितताएं मिली हैं। गड़बड़ी के 37 मामलों में विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। 12 सितम्बर को हुई इस जांच में कई मनरेगाकर्मियों को बर्खास्त भी किया गया। बर्खास्त होने वालों की संख्या 25 तक पहुंच गई है। 524 मामलों में स्पष्टीकरण मांगा गई है और अब तक करीब साढ़े तीन लाख रुपए की वसूली भी इनसे की जा चुकी है। ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि जून 2012 से अब तक 1028 पंचायतों की वित्तीय वर्ष 2011-12 और 2012-13 की योजनाओं की जांच की जा चुकी है।
प्रत्येक बुधवार को योजनाओं की शत-प्रतिशत जांच करने का निर्देश पहली सितम्बर को जारी किया गया था। इसके तहत मनरेगा दिवस के आयोजन की भी बात कही गई थी। इस दिन प्रत्येक जिले में मौजूद वरीय पदाधिकारियों को पंचायतवार मनरेगा और इंदिरा आवास आवंटन की गहन जांच करने का आदेश दिया गया है। इसके तहत नियमित रूप से जांच की जा रही है। अब तक की गई जांच के प्रतिवेदन के आधार पर जिलावार रैंकिंग की गई है। इसके आधार पर सुपौल को प्रथम और सीतामढ़ी को सबसे अंतिम पायदान पर रखा गया है।
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