ब्लैक मनी के मुद्दे पर सरकार के लिए लगातार मुश्किलें खड़ा करने वाले बाबा रामदेव की भी परेशानियां लगातार बढ़ रही हैं। अभी हाल ही में बाबा रामदेव ने डीजल मूल्य वृद्धि पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया था, अब वह खुद सरकारी निशाने पर हैं। उत्तराखंड सरकार की जांच में बाबा रामदेव के ट्रस्ट की ओर से बनाए जाने वाले कई फूड प्रॉडक्ट्स के सैंपल फेल पाए गए हैं। इन सैंपलों की जांच उत्तराखंड खाद्य विभाग ने की। रामदेव के हरिद्वार के कनखल में मौजूद आश्रम से लिए गए 6 फूड प्रॉडक्ट्स के नमूने जांच में फेल पाए गए हैं। इन नमूनों को उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा विभाग ने लिए थे।
इस आश्रम से पतंजलि योगपीठ और दिव्य फार्मेसी का संचालन होता है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, आश्रम से नमक, काली मिर्च, लीची शहद, सरसों तेल, जैम और बेसन के नमूने लिए थे। जांच में ये सब फेल हो गए हैं। इनकी गुणवत्ता निम्म स्तर की है। साथ ही जांच में यह भी सामने आया कि कुछ प्रॉडक्ट्स का निर्माण बाहर किया गया है, जबकि उसकी मार्केटिंग आश्रम के ब्रैंड के तहत किया जा रहा है। गौरतलब है कि फूड प्रॉडक्ट्स 16 अगस्त को रामदेव के आश्रम में छापे के दौरान इन सैंपलों को इकट्ठा किया था। इस छापे की बाबा रामदेव ने कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि केंद्र के इशारे पर यह कार्रवाई की गई। रामदेव ने कहा था कि यह उच्च वर्ग और आम आदमी के बीच युद्ध सरीखा है। हम लोग आम आदमी हैं और हमारी लड़ाई अब शुरू हुई है।
रामदेव के ट्रस्ट के खिलाफ कानूनी धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है और 10-15 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। मीडिया में सैंपलों के फेल होने के मामले में खुलासा होने के बाद खाद्य विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। बाबा रामदेव की तरफ से भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।
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