पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए हैं कि पूर्व अटॉर्नी जनरल के उस पत्र को निरस्त किया जाए जिसमें स्विटजरलैंड में राष्ट्रपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले बंद करने को कहा गया था. इसके बाद पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई 25 सितंबर तक स्थगित की और भवष्य की सुनवाई में उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट दी.
गौरतलब है कि सोमवार को प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ राष्ट्रपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के आदेश का पालन न करने के लिए, अवमानना के आरोपों का सामना करने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. अशरफ दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए हैं. वह सुबह नौ बजे एक एसयूवी से सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. भूरे रंग का बंद गला सूट पहने अशर्फ मुख्य द्वार पर गाड़ी से उतरे और अंदर जाने से पहले अपने समर्थकों की ओर उन्होंने हाथ हिलाया.
अदालत कक्ष संख्या चार के अंदर अशरफ कई संघीय मंत्रियों और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधन के दलों के नेताओं के साथ बैठे. पिछली सुनवाई 27 अगस्त को हुई थी. तब न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने अशरफ का और समय दिए जाने का आग्रह स्वीकार करते हुए उन्हें तीन सप्ताह का समय दिया था.
अशरफ ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के मुद्दे पर और समय मांगा था. अशरफ जरदारी के खिलाफ स्विटजरलैंड में भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने से इनकार करने के कारण अवमानना के आरोप में सुप्रीम कोर्ट में पेश होने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं.
सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपल्स पार्टी और कुछ विधि विशेषज्ञों ने सुप्रीम कोर्ट पर पक्षपात तरीके से काम करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट भ्रष्टाचार के आरोपों से माफी का लाभ लेने वाले अन्य लोगों की उपेक्षा कर रहा है और केवल जरदारी के पीछे पड़ा है.
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