फर्जी कागजात से पासपोर्ट बनवाने के दौरान पकड़े गए बांग्लादेशी नागिरक नुरूल इस्लाम व उसके लोकल एजेंट सबाउल हक से देर रात तक इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) और पटना पुलिस ने पूछताछ की। शुक्रवार की सुबह भी पूछताछ जारी रही। इस दौरान दोनों ने कई अहम सुराग पुलिस को दिए तफ्तीश तेजी से की जा रही है। फिलहाल इस मामले को लेकर पटना पुलिस पूरी गोपनीयता बरत रही है। इस बीच पुलिस सीवान के एक ‘मुखिया’ की तलाश कर रही है।
दरअसल उसी ‘मुखिया’ने बांग्लादेशी नागिरक का फर्जी आवासीय सिर्टिफकेट बनवाया था। सचिवालय डीएसपी मनीष कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस फिलहाल उसके बारे में जानकारी इकठ्ठा कर रही है। अगला टार्गेट ‘मुखिया’ को गिरफ्तार करना है। यह भी पता लगाया जाएगा कि अब तक कितने ऐसे फर्जी दस्तावेज ‘मुखिया’ के सांठगांठ से बने हैं। फिलहाल पुलिस उसका नाम पता बताने से कतरा रही है। पुख्ता खबर मिलने के बाद पटना पुलिस की टीम सीवान जाकर छापेमारी कर सकती है। ‘मुखिया’ के अलावा इस मामले से जुड़े अन्य स्थानीय लोगों की तलाश भी की जाएगी।
विदेश मंत्रालय से संपर्क करेगी पटना पुलिस पटना पुलिस इस मामले में विदेश मंत्रालय से भी संपर्क करेगी। वहां के जिरए बांग्लादेशी नागिरक के नाम-पते का सत्यापन कराया जाएगा। बकायदे विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर यह कहा जाएगा कि पुलिस को इस बाबत कौन-कौन सी जानकारियां चाहिए। विदेशी मूल के नागिरक के पटना से पकड़े जाने के बाद पुलिस से लेकर खुफिया तंत्र का माथ ठनका हुआ है। जेल भेजे गए दोनों सिंदग्ध बांग्लादेशी नुरूल और सीवान के रहने वाले उसके लोकल एजेंट सबाउल को शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने शुक्रवार को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया।
जेल में भी इन दोनों के मुलाकातियों पर पुलिस की नजर रहेगी। बांग्लादेशी के परिजनों से पुलिस ने की बात पकड़े गए नुरूल के पिरजनों से पटना पुलिस ने मोबाइल पर बात की। सचिवालय डीएसपी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने नुरूल के मोबाइल से ही उसके परिजनों से बात कर उसकी गिरफ्तारी की खबर दी। उसके मोबाइल में इंटरनेशनल कॉल की सुविधा भी दी।
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