सीएम के निर्णयों से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल हुआ पूर्व कैबीनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी की पत्रकार वार्ता देहरादून, आजखबर। पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने आरोप लगाया कि जिस दिन वह कांग्रेस में शामिल हुए उस दिन भाजपा नेता उनका किडनेप करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि भाजपा में अनुशासनहीनता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कंडारी ने कहा कि वह सीएम के जनहित में लिए गए कई निर्णयों से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल हुए।
परेड मैदान स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान श्री कंडारी ने कहा कि 21 सितंबर को जिस दिन वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए उनसे कहा गया कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी आ रहे हैं और वह आप से वार्ता करना चाहते हैं। श्री कंडारी ने कहा कि भाजपा नेता उनका किडनेप कर दिल्ली ले जाना चाहते थे। वह उस दिन देहरादून में अपने दामाद के यहां ठहरे थे, वहां भी सुबह पूर्व मुख्यमंत्री डा. निशंक पहुंचे लेकिन इतनी देर में मैं वहां से निकल चुका था। कडारी ने कहा कि भाजपा में सामूहिक निर्णय के स्थान पर व्यक्तिगत निर्णय लिए जा रहे हैं। पार्टी में प्रजातंत्र नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। चंद नेताओं द्वारा अहं फैसले लिए जा रहे हैं। राज्यसभा सांसद भगत सिंह कोश्यारी व पूर्व मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भाजपा को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना कर दिया है, यह दो नेता चाहे तो किसी को पार्टी में शामिल कर दें और चाहें तो निष्ठावान कार्यकर्ताओं को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर कर दें। विधानसभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को हराने के लिए षड़यंत्र रचा गया, मैं भी विधानसभा चुनाव में इस षड़यंत्र का शिकार हुआ हूं। भाजपा में तानाशाही, हिटलरशाही व नादिरशाही का बोलबाला बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मैंने 25 वर्षों तक भाजपा को मजबूत बनाया, पार्टी को मजबूत बनाने के लिए राज्य के सभी तेरह जनपदों का सघन भ्रमण किया। मंत्री रहते हुए मैंने राज्य का चहुंमुखी विकास किया। मेरी लोकप्रियता को बढ़ते देख पार्टी के कुछ नेताओं ने मुझे पार्टी छोड़ने को मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस में इसलिए आया हूं कि यह पार्टी देश की सबसे बड़ी पार्टी हैै।
कांग्रेस पार्टी की दस राज्यों में सरकारें हैं। देश को आजाद कराने में कांग्रेस पार्टी की अहं भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा द्वारा छह माह के कार्यकाल में जो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं उनसे प्रभावित होकर मैं कांग्रेस में शामिल हुआ हूं। सीएम के इन महत्वपूर्ण फैसलों में सरकारी नौकरी के लिए आयु सीमा 35 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष किया जाना, दैवीय आपदा पीड़ितों का मुआवजा 240 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति नाली किया जाना, टिहरी में नर्सिंग कालेज खोलने की घोषणा, पट्टे की जमीन पर भूमिधरी अधिकार दिलाने का शासनादेश जारी करना, टिहरी झील एवं वाटर स्पोट्र्स कालेज के लिए 250 करोड़ रुपये भारत सरकार से दिलाना, घोंटी पुल निर्माण के लिए धन स्वीकृत कराना,राज्य सरकार द्वारा तीन अतिरिक्त सिलेंडरों पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया जाना, चिन्यालीसौड़, डोबरा, चैठी पुलों के निर्माण के लिए धन आवंटित करना, नई टिहरी में हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज शुरू करवाना, रवांई जौनपुर क्षेत्र को पिछड़े वर्ग का दर्ज दिलाना, गढत्रवाल विश्वविद्यालय को केंद्रीय विवि का दर्जा दिलाना, गैरसैंण में 2 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक आहूत करना, बेरोजगारों को 9 नवंबर से बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय, अल्पसंख्यकों के लिए पृथक मंत्रालय बनाना आदि फैसले शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि टिहरी राजपरिवार के कारण टिहरी संसदीय क्षेत्र का विकास एक दशक से ज्यादा समय तक अवरुद्ध रहा। उन्होंने कहा कि वह टिहरी लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार साकेत बहुगुणा को विजयीश्री दिलाने के लिए जीजान से जुटेंगे। पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार साकेत बहुगुणा व विधायक उमेश शर्मा काऊ भी मौजूद रहे।
(राजेन्द्र जोशी)
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