कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने विपक्ष से अधिक रचनात्मक भूमिका निभाने की अपील करते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार के आर्थिक सुधारों के निर्णय का समर्थन किया। सीडब्ल्यूसी का कहना है कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ऐसा करना आवश्यक था। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम सहित 30 सदस्य शामिल हुए।
सीडब्ल्यूसी को सम्बोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि आर्थिक सुधार आवश्यक थे और विपक्ष को रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए यह जरूरी था और सरकार ने इसी दिशा में कदम उठाए।" द्विवेदी ने कहा, "विपक्ष ने नकारात्मक भूमिका निभाई है और उसे अधिक रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "वित्त मंत्री को वर्तमान सुधारों के विषय में विस्तार से बताने के लिए बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार रुपये के घटते मूल्य व बढ़ती मुद्रास्फीति से चिंतित है।" द्विवेदी ने कहा, "वैश्विक आर्थिक संकट भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित न करे इसलिए आर्थिक सुधारों की आवश्यकता थी।"
उन्होंने बताया कि सोनिया ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) से हटने के बाद भी सरकार पर कोई संकट नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक अर्थव्यवस्था दुरुस्त नहीं होती तब तक सरकार प्रमुख विकास कार्यक्रमों को लागू नहीं कर सकती।
खुदरा क्षेत्र व उड्डयन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति देने के केंद्र के फैसले के बाद तृणमूल ने समर्थन वापस ले लिया। दक्षिणपंथी व वामपंथी पार्टियां यह फैसला वापस लेने के लिए कह रही हैं। सोनिया ने असम में जुलाई में हुई साम्प्रदायिक हिंसा पर भी चिंता जतायी। हिंसा में 97 लोग मारे गए थे जबकि 4.8 लाख राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
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