सरकार ने केंद्रीय कर्मियों के महंगाई भत्ते (डीए) में जहां सात फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, वहीं पूर्व सैनिकों को एक रैंक एक पेंशन के लगभग फायदा देने का भी फैसला करते हुए सरकार ने इसके लिए करीब 2300 करोड़ रुपये के पैकेज की मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक में इन दो बड़े फैसलों के साथ महंगाई पर नियंत्रण के लिए दाल और खाद्य तेल की भंडारण सीमा को एक वर्ष के लिए बढ़ाने का भी निर्णय किया गया। इसके अलावा समेकित बाल विकास योजना के पुनर्गठन को भी मंजूरी दी गई है। लगभग दो सौ जिलों में चलाई जा रही यह योजना बाल कुपोषण रोकने में मदद करेगी।
राज्य बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय पुनर्गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है, जिसके चलते आने वाले दिनों में बिजली की दरें बढ़ना तय है। राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों पर करीब दो लाख करोड़ रुपये के कर्ज के पुनर्गठन के प्रस्ताव की मंजूरी के साथ राज्य सरकारों पर इसका लाभ उठाने के लिए शर्तें लागू की गई हैं। इसके चलते राज्यों को आने वाले दिनों में घाटा कम करने लिए नियमित रूप से बिजली दरें बढ़ानी पड़ेंगी।
सात फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़कर मूल वेतन का 72 फीसदी हो गया है। कैबिनेट के इस फैसले का लाभ 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 30 लाख पेंशन धारकों को मिलेगा। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता इस साल एक जुलाई से लागू होगा। इसके पूर्व सरकार ने मार्च 2012 में डीए में सात फीसदी की बढ़ोतरी की थी। एक जनवरी 2012 से लागू इस फैसले के बाद से केंद्रीय कर्मियों को मूल वेतन का 65 फीसदी डीए मिल रहा था।
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