विपक्ष और अपने कुछ सहयोगी दलों के विरोध से विचलित हुए बिना सरकार ने गुरुवार को बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के फैसले को अमलीजामा पहना दिया। इससे वॉलमार्ट जैसी खुदरा श्रृंखला चलाने वाली विदेशी कंपनियों के लिये भारत में स्टोर खोलने का रास्ता साफ हो गया।
सरकार ने इसके साथ ही विमानन और प्रसारण क्षेत्र में भी विदेशी निवेश नियमों को और उदार बनाने संबंधी निर्णयों को भी अधिसूचित कर दिया। सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी अपने निर्णयों की अधिसूचना ऐसे दिन जारी की है जब विपक्ष ने देशव्यापी बंद आयोजित किया और सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी और सरकार में शामिल द्रविड़ मुनेत्र कषगम इस बंद का समर्थन कर रही हैं।
केन्द्र के सत्ताधारी गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी तृणमूल कांग्रेस ने तो बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई अनुमति के सरकार के फैसले के विरोध में सरकार से समर्थन वापस ले लिया और कल वह अपने मंत्रियों को सरकार से वापस बुला रही है। इस अधिसूचना के साथ वालमार्ट जैसी वैश्विक खुदरा कंपनियां 10 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में अपने खुदरा स्टोर खोलने के लिये 51 प्रतिशत तक निवेश कर सकेंगी। ये वे राज्य हैं जो बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के फैसले को अमल में लाने पर राजी हैं। इनमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड सहित दस राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश शामिल हैं। औद्योगिक नीति एवं संवर्ध विभाग ने अधिसूचना में कहा कि बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी है। इसमें कहा गया है कि निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
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