प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि वैश्विक शोध और विकास (आरएंडडी) उत्पादकता में देश का योगदान बढ़ाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काफी अधिक निजी निवेश की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने सीएसआईआर स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यहां कहा, "एक देश के रूप में हम विज्ञान के क्षेत्र में इतना निजी निवेश नहीं जुटा पाए हैं कि वैज्ञानिक शोधों में हमारा कुल निवेश सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के दो फीसदी तक पहुंच पाए।"
देश का आरएंडडी निवेश अभी जीडीपी के एक फीसदी से भी कम है। उन्होंने कहा, "पिछले सप्ताह काउंसिल के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए मैं वैज्ञानिक शोध में सार्वजनिक-निजी साझेदारी क्षमता और सम्भावना से काफी प्रभावित हुआ था।"
उन्होंने कहा, "हमें यह समझने की जरूरत है कि हमारे सभी शोध और शिक्षण संस्थानों में श्रेष्ठता का नहीं आ पाई है। हम विशाल संख्या में अपनी वैज्ञानिक विशेषज्ञ शक्ति के साथ दुनिया को प्रभावित नहीं कर पाए हैं।" सिंह ने कहा कि देश के विकास में सीएसआईआर की महती भूमिका है। उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया है कि सीएसआईआर की सभी प्रयोगशालाओं के इर्द गिर्द उद्योग, शिक्षण संस्थान और अन्य आर एंड डी संस्थानों की साझेदारी के जरिए इन्नोवेशन बढ़ाने के लिए इन्नोवेशन परिसर का विकास किया जा रहा है।"
उन्होंने युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए हाल ही में स्थापित एकेडमी ऑफ साइंटिफिक एंड इन्नोवेशन रिसर्च का उल्लेख करते हुए कहा, "यह एक अच्छी पहल है और मैं जल्द से जल्द परिणाम सामने आने की उम्मीद कर रहा हूं।"
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