तृणमूल कांग्रेस शुक्रवार को केंद्र से अपने मंत्रियों को हटाकर और सरकार से समर्थन वापस लेकर संप्रग से नाता तोड़ लेगी। तृणमूल कांग्रेस के छह मंत्री आज दोपहर तीन बजे प्रधानमंत्री को इस्तीफा सौंपेंगे।
वहीं, बाहर से समर्थन दे रहे मुलायम सिंह यादव के मिले जुले संकेतों के बावजूद सरकार अपनी स्थिरता को लेकर आश्वस्त है। केंद्र डीजल, रसोई गैस सिलिंडर और एफडीआई पर फैसलों को वापस लेने की ममता की मांग पूरी करने के ‘मूड’ में नहीं है, वहीं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि उनकी पार्टी के छह मंत्री शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपना इस्तीफा सौंपेंगे।
ममता ने कहा कि हम पहले ही सामूहिक फैसला कर चुके हैं। हमारे मंत्री अपना इस्तीफा सौंप देंगे। प्रतिबद्धता तो प्रतिबद्धता है। हमने राष्ट्रपति से भी मिलने का समय मांगा है, अगर वह समय देते हैं तो। इस समय तृणमूल के लोकसभा में 19 सदस्य हैं। तृणमूल पार्टी से संप्रग सरकार में छह मंत्री हैं, जिनमें एक कैबिनेट स्तर के मंत्री हैं। ममता ने कहा कि मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के साथ किसी तरह की वार्ता के लिए दिल्ली जाने की संभावना से इनकार किया।
वहीं, डीजल की कीमतों में वृद्धि, रसोई गैस सिलेंडर की राशनिंग के निर्णय पर विरोध तेज करते हुए ममता बनर्जी ने बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को ‘जल्दबाजी’ में अधिसूचित करने पर संप्रग सरकार को आड़े हाथों लिया। ममता ने कहा कि अल्पमत में होने के कारण उसे ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। रेल मंत्री मुकुल रॉय ने कहा है कि प्रधानमंत्री से शुक्रवार को अपराह्न तीन बजे मुलाकात का समय मांगा गया है और सभी मंत्री आज दिल्ली जाएंगे और अपना इस्तीफा सौंपेंगे।
किसी भी तरह के समझौते से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति, डीजल के मूल्य में वृद्धि और एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सीमित करने के खिलाफ सरकार से समर्थन वापस लेने और मंत्रियों को हटाने के पार्टी के रुख की पहले ही घोषणा कर दी है।
एक सवाल के जवाब में रॉय ने इस बात का खंडन किया कि प्रधानमंत्री या वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने उन्हें फोन कर ममता को इन मुद्दों पर आगे बढ़ने के सरकार के फैसले के बारे में सूचित करने को कहा था।
उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व वित्त मंत्री और लोकसभा में नेता प्रणब मुखर्जी ने सदन में घोषणा की थी कि मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार में तब तक एफडीआई की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक राजनीतिक आम सहमति नहीं बनती।
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