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शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

मप्र में किसानों पर एके 47 का इस्तेमाल


पुलिस आधुनिक हथियार एके-47 राइफल का इस्तेमाल अमूमन आतंकवादियों व देश विरोधी ताकतों के खिलाफ करती है, मगर मध्य प्रदेश में आंदोलनरत किसानों पर पुलिस ने इस हथियार का इस्तेमाल किया था। यह खुलासा राज्य मानव अधिकार आयोग की जांच रिपोर्ट में हुआ है। आयोग ने रायसेन जिले के बरेली में किसानों पर हुई गोलीबारी की जांच कराई थी। ज्ञात हो कि बरेली में विगत सात मई को किसानों के प्रदर्शन के दौरान गोली-चालन की घटना में एक किसान हरि सिंह की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। बरेली में किसान बारदाना के अभाव पर रोष प्रकट कर रहे थे। विवाद बढ़ने व आगजनी होने पर पुलिस ने गोलीबारी की थी। 


किसानों पर गोली चलाए जाने का मामला सामने आने पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट पिछले दिनों आई है। इस रिपोर्ट में प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल तो उठाए ही गए हैं, साथ ही कहा गया है कि पुलिस ने एके-47 राइफल और .9एमएम की पिस्तौल का भी इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं, पुलिस ने जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग किया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर मानवाधिकार आयोग ने रायसेन के कलेक्टर मोहनलाल मीणा, पुलिस अधीक्षक आई.पी. कुलश्रेष्ठ और बरेली के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनिल तिवारी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस एस.आर. सरयाम, तहसीलदार एस.एल. सोलंकी और थाना प्रभारी एस.पी. बोहित को प्रथम दृष्टया मानवाधिकारों के हनन का दोषी पाया गया है। आयोग ने अफसरों को 21 दिसंबर को आयोग की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। 



किसानों पर एके-47 का इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि राज्य सरकार खुद को किसान हितैषी होने का दावा करती है, मगर वह किसानों के साथ किस तरह का बर्ताव कर रही है, यह बात मानवाधिकार आयोग की जांच में सामने आई है। नेता प्रतिपक्ष ने संवाददाताओं से कहा, "बरेली में किसानों पर एके-47 से गोली चलाई जाती है, कटनी में उद्योग के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहीत की जा रही है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, विरोध करने पर लाठी-डंडे बरसाए जाते हैं और उन्हें जेल भेज दिया जाता है। इन हालात में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं रहा।" राज्य मानवाधिकार आयोग की जांच रिपोर्ट पर राज्य के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उन्हें इस रिपोर्ट की जानकारी नहीं है, अगर ऐसा है तो सरकार उसका अध्ययन करेगी।

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