आंध्र प्रदेश में छह गरीब महिलाओं ने जेल में बंद अपने पतियों को जेल से छुड़ाने के लिए मुआवजे की रकम जुटाने की गरज से राज्य मानवाधिकार आयोग से अपने गुर्दे बेचने की अनुमति मांगी है। इन महिलाओं के पति दुबई की एक जेल में कैद हैं। करीमनगर जिले में रहने वाली इन महिलाओं ने गुर्दे बेचने की अनुमति के लिए आयोग में आवेदन दिया है। उन्होंने आवेदन में कहा है कि वे इस स्थिति में नहीं हैं कि अपने पतियों की रिहाई के लिए मुआवजे की रकम चुका सकें।
इन महिलाओं के आवेदन पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने सोमवार को राज्य के प्रधान सचिव, समान्य प्रशासन विभाग के प्रवासी भारतीय प्रकोष्ठ तथा प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय में प्रवासी संरक्षण अधिकारी को नोटिस जारी कर 17 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।ज्ञात हो कि दुबई में निर्माण कार्य में लगे आंध्र प्रदेश के छह श्रमिकों को एक नेपाली गार्ड की हत्या का दोषी करार दिया गया था। वे पिछले सात साल से वहां की जेल में सजा भुगत रहे हैं।
हत्या के ये आरोपी हैं शिवरात्रि मल्लेश, एस.रवि, नामपेल्लि वेंकटी, डी. लक्ष्मण, एस. हनुमंतू और सैयद करीम। ये करीमनगर जिले के अलग-अलग गांवों के रहने वाले हैं। इनमें से पांच को 24 साल और एक को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है। इनकी पत्नियों का मानना है कि उनके पति निर्दोष हैं लेकिन उन्हें कानूनी सहायता नहीं दी गई।
इन महिलाओं ने अपने आवेदन में दुबई के शरीयत कानून का हवाला देते हुए कहा है कि मृतक रिश्तेदार मुआवजा लेकर आरोपियों को माफी दे सकते हैं। उनके अनुसार, नेपाली गार्ड की पत्नी इस बात पर राजी है कि यदि उसे 15 लाख रुपये दे दिए जाएं तो वह आरोपियों को माफ कर सकती है। उसने यह प्रस्ताव तब दिया जब दुबई में रहने वाले एक भारतीय परामर्शदाता ने उससे समझौते की पेशकश की।
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