भारत को रेमिटेंस (अनिवासी भारतीयों द्वारा गृह देश में अपने परिवारजनों को भेजी जाने वाली कमाई) से 70 अरब डॉलर तक मिलने की उम्मीद है जो किसी भी अन्य देश को मिलने वाले रेमिटेंस से ज्यादा है। विश्व बैंक ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया। रिपोर्ट के मुताबिक चीन को रेमिटेंस से 66 अरब डॉलर मिलेगा। रेमिटेंस का मतलब उस राशि से होता है, जो देश के नागरिक विदेशों में काम करने के दौरान अपने परिवारों को भेजते हैं।
रेमिटेंस में हुई वृद्धि में सर्वाधिक योगदान खाड़ी देशों का है। रिपोर्ट के मुताबिक उन देशों को मिलने वाले रेमिटेंस में अधिक वृद्धि हुई है जिनके प्रवासी बड़ी संख्या में तेल निर्यातक देशों में है। वनिस्पत उन देशों के जिनके प्रवासी नागरिक अधिकतर विकसित या पश्चिमी देशों में केंद्रित हैं।
विकासशील देशों को मिलने वाला रेमिटेंस इस वर्ष बढ़कर 406 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। जो पिछले साल के आंकड़े की तुलना में 6.5 फीसदी अधिक है। वैश्विक आव्रजन और रेमिटेंस पर विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक विकासशील देशों को मिलने वाले रेमिटेंस में 2013 में 7.9 फीसदी, 2014 में 10.1 फीसदी और 2015 में 10.7 फीसदी वृद्धि होने की उम्मीद है। इस तरह यह 2015 तक बढ़कर 534 अबर डॉलर हो जाएगी।
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