दिल्ली के लाजपत नगर बाजार में वर्ष 1996 में हुए बम विस्फोटों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को निचली अदालत से मौत की सजा पाए दो लोगों को बरी कर दिया। न्यायालय ने एक अन्य अभियुक्त की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
विस्फोटों में 13 लोगों की मौत हुई थी। निचली अदालत ने मोहम्मद अली भट्ट तथा मिर्जा निसार हुसैन को मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट्ट की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में दोषी ठहराए गए तीसरे अभियुक्त मोहम्मद नौशाद की मौत की सजा आजीवन कारावास में बदल दी।
न्यायालय ने इस मामले की जांच में शिथिलता बरतने के लिए दिल्ली पुलिस को फटकार भी लगाई। न्यायालय का यह आदेश इस मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए छह अभियुक्तों की अपील पर सुनवाई के बाद आया, जिनमें से तीन को मौत की सजा सुनाई गई थी। पुलिस ने कहा कि विस्फोटों के लिए दोषी ठहराए गए सभी छह लोग आतंकवादी संगठन जम्मू एवं कश्मीर इस्लामिक फ्रंट के सदस्य थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें