सरकार एफडीआई समेत दूसरे मुद्दों पर संसद में विपक्ष से निपटने की तैयारी कर रही है और इसी की तैयारियों के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को बीजेपी के कई नेताओं को रात्रि भोज के लिए बुलाया है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार इस बात का मन बना चुकी है कि वह रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर बहस को राजी है लेकिन वह इस मुद्दे पर संसद में वोटिंग नहीं कराना चाहती। सूत्र के अनुसार सरकार यही बात विपक्ष तक आज शाम को आयोजित रात्रि में तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को अवगत करा देगी।
आज के रात्रि भोज में वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली शामिल हैं। यह भोज इस लहज़े से भी ख़ास होगा क्योंकि शीतकालीन सत्र में बीजेपी सरकार को एफ़डीआई के अलावा भ्रष्टाचार, तेल के दामों में बढ़ोतरी और एलपीजी जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर रही है। वहीं, सरकार इस भोज के माध्यम से विपक्ष का साथ चाहती है ताकि संसद में लटके हुए बिलों को पास कराया जा सके।
इसमें लोकपाल बिल और भूमि अधिग्रहण बिल शामिल हैं। वहीं, वित्तमंत्री पी चिदंबरम का कहना है कि विपक्ष को सरकार का बिल पास कराने में साथ देना चाहिए न कि किसी एक मुद्दे को लेकर संसद में हंगामा करना चाहिए। शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने घटक दलों के नेताओं को खाने पर बुलाया। रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर पत्ते नहीं खोलने वाली डीएमके के नेता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भोज में शामिल हुए।
भोज से पहले सोनिया गांधी, पी चिदंबरम, अहमद पटेल, एके एंटनी, सुशील कुमार शिंदे और नारायणसामी के बीच बैठक हुई। डीएमके सहित यूपीए के घटक दलों ने कहा है कि सरकार को संसद में वोटिंग से बचना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक सरकार नियम 193 के तहत नोटिस मानने को तैयार है इसमें वोटिंग नहीं होती।
सरकार इस बात को बीजेपी के साथ होने वाले भोज के कार्यक्रम के दौरान बताएगी। उधर, विपक्ष सरकार से एफडीआई पर वोट कराना चाहता है।
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