शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही चार बार स्थगित की गई और दोपहर दो बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद संसद को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू होने पर तृणमूल सदस्य एफडीआई के खिलाफ और बसपा सदस्य उत्तर प्रदेश सरकार को बरखास्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गये। हंगामा थमते नहीं देख उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने जो अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था उसे स्पीकर मीरा कुमार ने नामंजूर कर दिया है। सिर्फ 22 सासंदों ने ही नोटिस का समर्थन किया था। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने पर्यापत संख्या बल नहीं होने के कारण तृणमूल कांग्रेस की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को नामंजूर किया।
हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को मल्टीब्रांड खुदरा कारोबार में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के सरकार के फैसले के विरुद्ध उनकी ओर से मत विभाजन वाले नियम 184 के तहत दिये नोटिस पर उनकी बात रखने की अनुमति दी। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले दोनों सदनों में सबसे पहले स्वर्गीय बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि दी गई।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया जब सरकार को बाहर से समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी के सदस्य रासोई गैस की बढ़ी कीमत वापस लेने और बहुजन समाज पार्टी के सदस्य उत्तरप्रदेश में कानून एवं व्यवस्था कथित तौर पर ध्वस्त होने के मुद्दे पर आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
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