राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर अपने संदेश में सिंह ने कहा कि एक देश के रूप में हम मानते हैं कि मीडिया को बाह्य नियंत्रण से पूरी तरह मुक्त होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सही है कि कभी-कभी गैर जिम्मेदार पत्रकारिता से सामाजिक सौहार्द और व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है जिसे बनाये रखना लोक सेवकों की जिम्मेदारी है, लेकिन सेंसरशिप इसका जवाब नहीं है.
स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मीडिया को लोकतंत्र का स्तम्भ करार देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दिनों से ही मीडिया सामाजिक बदलाव, पाठकों को उनके अधिकारों के बारे में बताने और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए जागरूकता फैलाने का काम करता रहा है.
सिंह ने कहा कि चौथे स्तम्भ के सदस्यों को मिलकर इसके उद्देश्यों को बढावा देने और सनसनी फैलाने पर रोक लगानी चाहिए. यह उसके लिये आत्ममंथन का समय है कि वह किस प्रकार से देश, समाज की सेवा कर सकता है. राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रत्येक वर्ष 16 नवंबर को मनाया जाता है. भारतीय प्रेस परिषद ने इसी दिन 1956 में काम करना शुरू किया था.
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