अजमल आमिर कसाब |
मुम्बई में वर्ष 2008 में हुए आतंकवादी हमले के अकेले जीवित बजे पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को बुधवार सुबह पुणे की यरवडा जेल में फांसी दे दी गई। महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर. पाटील ने यह जानकारी दी। पाटील ने मीडियाकर्मियों को बताया, "26/11 के आतंकवादी हमले के मामले में सभी न्यायिक प्रक्रियाएं पूरी हो गई हैं। कसाब को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी और बॉम्बे उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय ने इस सजा को बरकरार रखा। राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद बुधवार सुबह 7.30 बजे यरवडा केंद्रीय जेल में उसे फांसी दे दी गई।"
कसाब की दया याचिका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार रात खारिज कर दी थी। इसके कुछ समय बाद रात में ही कसाब को भारी सुरक्षा के बीच पुणे की उच्च-सुरक्षा वाली यरवडा जेल में स्थानांतरित किया गया। जेल परिसर में बुधवार सुबह 7.30 बजे उसे फांसी दे दी गई। इसके बाद डॉक्टर्स की एक टीम ने उसकी मौत की घोषणा कर दी।
पाटील ने कहा, "कसाब को सजा दिया जाना 26/11 के प्रभावितों व शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है।" यह खुलासा नहीं किया गया है कि कसाब को कहां दफनाया जाएगा। विशेष लोक अभियोजक उज्जवल निकम ने कहा, "हां, बुधवार सुबह 7.30 बजे कसाब को यरवडा केंद्रीय जेल में फांसी दे दी गई।" निकम ने अदालत में 26/11 के आतंकवादी हमले का मामला लड़ा था। कसाब को मुम्बई पर हुए इस क्रूर आतंकवादी हमले की चौथी बरसी से ठीक पांच दिन पहले फांसी दी गई है। मुम्बई हमले में 166 लोग मारे गए थे।
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