बिस्कोमान निदेशक मंडल चुनाव को लेकर एक बार फिर सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह व बिस्कोमान के पूर्व अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह आमने-सामने आ गए हैं। सुनील कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि मंत्री ने प्रबंध निदेशक के सहयोग से मनगढ़ंत व बेबुनियाद आरोप लगाकर उनका नामांकन रद्द करने का प्रयास किया। नामांकन रद्द करने के लिए उन पर फर्जी प्राथमिकी दर्ज करने की भी कोशशि की गई। इनके द्वारा एक उम्मीदवार को विजयी बनाने के लिए हरसंभव कोशशि की गई।
उधर सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने उक्त आरोपों को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। तमाम प्रक्रियाएं बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार द्वारा संपादित की जा रही है। पर, सरकार यह चाहती है कि चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष हो। ऐसे में किसी तरह का आरोप लगाना महज व्यक्तिगत द्वेष है। यह हैरतअंगेज है कि जहां निर्वाचन प्राधिकार के जिम्मे सब कुछ है, राज्य सरकार कैसे हस्तक्षेप कर सकती है?।
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