अदालतगंज घाट का चचरी पुल |
बिहार की राजधानी पटना के गंगा तट के अदालतगंज घाट के समीप मची भगदड़ और बांस का पुल टूट जाने की घटना में 17 लोगों की मौत के बाद यहां की राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष इसे जहां सरकार की लापरवाही बताते हुए कभी माफ न किए जाने वाली घटना बता रहा है वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसे हादसों पर राजनीति नहीं करने की नसीहत दी है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि सरकार की लापरवाही से ही यह हादसा हुआ है। नीतीश जानते थे कि छठ के मौके पर लोगों की भारी भीड़ गंगा तट पर जुटती है, फिर भी कोई व्यवस्था नहीं कर वह केवल भाषणबाजी करते रहे। उन्होंने कहा कि पुल बनाने वाले और उद्घाटन करने वाले पर भी कारवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह पीड़ित परिवार से भी मिलने जाएंगे।
राजद के सांसद रामकृपाल यादव ने भी इस घटना के लिए प्रशासन और सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि इस हादसे से छठ जैसे आस्था के पर्व पर हुई बदइंतजामी की पोल खुल गई। कांग्रेस ने भी इस हादसे पर अफसोस जताते हुए घटना की सर्वदलीय जांच की मांग की है। कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष महबूब अली कैसर ने मंगलवार को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में घायलों से मिलने के बाद कहा कि ऐसे मामलों में वाकई राजनीति नहीं होनी चाहिए लेकिन घटना की सही जांच और दोषी लोगों पर कारवाई अवश्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से घटना की जांच नहीं कराना चाहती है तो उसे कम से कम सर्वदलीय जांच अवश्य करानी चाहिए।
उधर, घटना के बाद मुख्यमंत्री ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप के विषय में कहा कि ऐसे हादसों से सबक लेनी चाहिए, न कि इस पर राजनीति करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह ऐसे मुद्दों पर बोलते नहीं हैं, जो सही सही नहीं है। उल्लेखनीय है कि सोमवार की शाम अदालतगंज घाट से अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देकर जब हजारों लोग लौट रहे थे, तभी अदालतगंज घाट के समीप भगदड़ मच गई जिससे अस्थायी रूप से बना बांच का पुल टूट गया। इस हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 35 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।
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