सरकारी बैंकों को पूंजी निवेश की जरूरत:वित्तमंत्री - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 15 नवंबर 2012

सरकारी बैंकों को पूंजी निवेश की जरूरत:वित्तमंत्री


केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि अधिकतर सरकारी बैंकों को पूंजी निवेश की जरूरत है और सरकार इस पर कुछ सप्ताह में फैसला लेगी। सरकारी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ एक मुलाकात के बाद चिदंबरम ने कहा कि पूंजी निवेश की जरूरत वाले तीन प्रमुख बैंकों में शामिल हैं- इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र।

चिदंबरम ने कहा, हमारे पास बजटीय प्रावधान है और हम बैंकों को पूंजी का आवंटन करेंगे। वर्ष 2012-13 की बजटीय घोषणा में सरकार ने सरकारी बैंकों में पूंजी निवेश के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। चिदंबरम ने कहा कि सरकारी क्षेत्र के बैंक चालू वित्तवर्ष के दौरान 63,000 से अधिक लोगों को रोजगार देंगे। उन्होंने कहा कि सभी किसान क्रेडिट कार्ड को एटीएम कार्ड में बदला जाएगा। 

कोई टिप्पणी नहीं: