सुखदेव सिंह नामधारी |
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद से बर्खास्त हुए सुखदेव सिंह नामधारी पोंटी चढ्ढा हत्याकाण्ड में नाम आने के बाद लापता हो गए हैं। दिल्ली पुलिस अब उनकी तलाश में जुटी हुई हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि कारोबारी पॉन्टी चड्ढा को पॉइंट-30 बोर की सात गोलियां और उसके भाई हरदीप चड्ढा को पॉइंट-9 एमएम बोर की दो गोलियां लगी थीं। पॉन्टी चड्ढा मर्डर केस के अहम चश्मदीद गवाह नामधारी को साउथ डिस्ट्रिक्ट पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नामधारी रहस्यमय तरीके से लापता हो गए हैं।
पुलिस बुधवार दिन भर उनका इंतजार करती रही। उनकी तलाश की गई, लेकिन वह कहीं नहीं मिले। दूसरी ओर, पुलिस ने नामधारी के सरकारी सुरक्षा गार्ड सचिन त्यागी को हिरासत में ले रखा है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि चड्ढा बंधुओं के मर्डर के बारे में नामधारी से विस्तृत बयान लेकर उसका मिलान सचिन के बयान से करना चाहती है। पुलिस को पॉन्टी के घायल मैनेजर नरेंद्र अहलावत के बयान से भी नामधारी के स्टेटमेंट का मिलान करना है। नामधारी के लापता होने से बुधवार को पुलिस को कार्यवाही करने में बाधा आने लगी है। सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि उन्हें नामधारी के लापता होने की उम्मीद नहीं थी, जिस कारण उसे कस्टडी में नहीं रखा गया था। उल्लेखनीय हो कि नामधारी को साल-2010 में उत्तराखंड की तत्कालीन भाजपा सरकार में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था। डबल मर्डर के बाद मंगलवार को उन्हें कांग्रेस सरकार ने इस पद से बर्खास्त कर दिया।
नामधारी उधम सिंह नगर जिले के बाजपुर के निवासी हैं। पुलिस रिकार्ड के अनुसार नामधारी हरदीप चढ्ढा के फार्महाउस में पॉन्टी की ओर से कब्जा करने नहीं गए थे, बल्कि वह वहां बाद में पॉन्टी के साथ उनकी लैंड क्रूजर कार में पहुंचे थे। पुलिस को एम्स की ओर से मिली पॉन्टी और हरदीप की पोस्टमार्टम से जानकारी मिली कि पॉन्टी को पॉइंट-30 बोर की सात गोलियां लगी थीं। उनके शरीर पर सामने की ओर से सीने, पेट और टांगों पर गोलियां लगी थीं और हरदीप को पॉइंट-9 एमएम बोर की दो गोलियां दिल और फेफड़े में लगी थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस इस वारदात में थर्ड पार्टी के शामिल होने की थ्योरी को खारिज कर रही है। इसकी वजह यह है कि हरदीप की पांइट-30 बोर की पिस्टल और सचिन त्यागी की पांइट-9 एमएम की सरकारी कार्बाइन पुलिस जब्त कर चुकी है। पुलिस अफसरों के मुताबिक, सचिन त्यागी की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी, क्योंकि उसने प्रोटेक्टेड पर्सन को बचाने के मकसद से हरदीप को गोलियां मारी थीं।
(राजेन्द्र जोशी)
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