सुधार कार्यों से विकास में तेजी आएगी : मुखर्जी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 14 नवंबर 2012

सुधार कार्यों से विकास में तेजी आएगी : मुखर्जी


राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि खुदरा व्यापार और उड्डयन क्षेत्र में विदेशी निवेश के उदारीकरण और पेट्रोलियम रियायत में कटौती जैसे हाल के सुधारात्मक उपायों से देश का वित्तीय घाटा कम करने और विकास में तेजी लाने में मदद मिलेगी। 32वें सलाना भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) का उद्घाटन करते हुए मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी वापस आएगी।

उन्होंने कहा, "इनमें से प्रमुख हैं बहुब्रांड खुदरा कारोबार तथा नागरिक विमानन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने और बीमा तथा पेंशन क्षेत्र में संसद की मंजूरी लेने का फैसला।" उन्होंने कहा, "सरकारी रियायत को कम करने के कदम भी उठाए गए हैं, जिससे वित्तीय घाटा कम होगा। इन कदमों से अर्थव्यवस्था तेजी की पटरी पर आगे बढ़ सकती है।" देश की विकास दर मौजूदा कारोबारी साल में लगभग एक दशक के निचले स्तर पर पहुंचने की आशंका है और इसका मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता तथा देश में नीतिगत असमंजस है।

जनवरी-मार्च 2012 में देश की विकास दर नौ सालों के निचले स्तर 5.3 फीसदी पर पहुंच गई थी। जून में समाप्त तिमाही में यह मामूली सुधार के साथ 5.5 फीसदी रही, हालांकि यह पिछले आठ सालों की औसत विकास दर 8.2 फीसदी से काफी नीचे थी। मुखर्जी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता से बचने के लिए भारत ने अपने बाजारों का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पादन में विदेशी व्यापार की हिस्सेदारी पिछले 10 सालों में बढ़कर दोगुनी हो गई है। सन 2000 में यह 20 फीसदी थी जो 2011-12 में 45 फीसदी हो गई। पिछले एक दशक में देश का निर्यात पांच गुना बढ़ा है।

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