शरद यादव ने कहा इस बार चलेगी संसद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 17 नवंबर 2012

शरद यादव ने कहा इस बार चलेगी संसद


 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक और बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि खुदरा बाजार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) तथा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्र सरकार से किसी तरह का समझौता नहीं होगा, राजग इन मुद्दों पर संसद में बहस कराना चाहता है, इसलिए इस बार संसद चलेगी। जद(यु) की मध्य प्रदेश इकाई के प्रदेशस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लेने भोपाल आए यादव ने संवाददाताओं से कहा कि गुलामी के समय ईस्ट इंडिया कम्पनी ने भारतीय बाजार पर हमला किया था, उससे बड़ा हमला वर्तमान सरकार कर रही है। यह सरकार 'वेस्ट इंडिया कम्पनी' की तरह काम कर रही है। 

उन्होंने कहा कि खुदरा बाजार में विदेशी निवेश के चलते देश में 25 करोड़ से ज्यादा लोगों का रोजगार प्रभावित होना तय है। एफडीआई से बाजार कमजोर होगा तो देश भी कमजोर होगा। रुपया का भाव गिर रहा है, निर्यात घट रहा है, उद्योगों में उत्पादन स्थिर है, महंगाई आसमान छू रही है और बेकारी व बेरोजगारी ने देश के लोगों का बुरा हाल कर रखा है। आजादी के बाद देश का इतना बुरा हाल कभी नहीं हुआ, जितना इस समय है। एक तरफ गरीब की कमर तोड़ी जा रही है, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार चरम पर है। कोयला, राष्ट्रमंडल खेल और नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में बड़ी गड़बड़ियां हुई हैं। नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक(सीएजी) की रिपोर्ट में गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है, मगर कांग्रेस जांच कराने के बजाय इस संवैधानिक संस्था पर ही हमला करने में लगी है। बहस तो संसद में होनी चाहिए, मगर कांग्रेस के नेताओं से लेकर सरकार के मंत्री तक सीएजी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। लोकतंत्र के लिए यह ठीक नहीं है। 

एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट संसद में पेश होगी, उसके बाद ही सरकार को अपना पक्ष सदन में रखना चाहिए। इस रिपोर्ट पर संसद में चर्चा होना चाहिए, सरकार को अपनी बात सदन के बाहर नहीं, भीतर रखनी चाहिए। इस बार संसद चलेगी और समूचा विपक्ष एकजुट रहेगा।  कांग्रेस में राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने पर यादव ने सीधी प्रतिक्रिया तो नहीं दी, मगर कांग्रेस नेताओं द्वारा राहुल को राजनीति का 'सचिन तेंदुलकर' बताए जाने पर कहा कि जो लोग गफलत में हैं, उन्हें वक्त आने पर पता चल जाएगा कि राजनीति किक्रेट नहीं है। 

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