तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी जो कभी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की एक घटक थी, संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली 'अल्पमत' संप्रग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अपनी धुर विरोधी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सहित सभी दलों से अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील की है। ममता ने यहां पार्टी सांसदों की बैठक के बाद कहा, "देश के लिए महत्वपूर्ण है कि यह सरकार गिर जाए और इसीलिए हमने सर्वसम्मति से संप्रग की अल्पमत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है।"
संसद का शीतकालीन सत्र 22 नवंबर से शुरू होगा। ममता ने राइटर्स बिल्डिंग स्थित राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, "इस सरकार को अब एक दिन के लिए भी सत्ता में नहीं रहना चाहिए।" उन्होंने बांग्ला में कहा, "देशे लूट चोलछे, लूट। झूठ चोलछे झूठ।" (देश में लूट मची है, लूट। मात्र झूठ बोला जा रहा है, झूठ।) उन्होंने कहा, "यह जनविरोधी और अल्पमत सरकार है।"
ममता ने कहा, "इस सरकार ने लोगों की नींद छीन ली है। उसे सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्ताव लाने के मुद्दे पर उनकी पार्टी ने भाजपा सहित सभी दलों से बातचीत का विकल्प खुला रखा है। ममता ने कहा, "हमने बातचीत का विकल्प खुला रखा है, चाहे कोई पार्टी हो भाजपा या वामदल। यह कोई धार्मिक या सांप्रदायिक मुद्दा नहीं है। यह देश के लोगों का मुद्दा है, इसलिए हम किसी भी पार्टी से बातचीत करने की इच्छा रखते हैं।"
उन्होंने कहा कि तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। उल्लेखनीय है कि तृणमूल और भाजपा दोनों केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। 19 सांसदों वाली तृणमूल ने सितम्बर में संप्रग सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
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