सुरेश कलमाडी |
दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स (सीडब्ल्यूजी) के आयोजन में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में कॉमनवेल्थ गेम्स ऑर्गेनाइजिंग कमेटी (ओसी) के पूर्व चेयरमैन सुरेश कलमाडी, सेक्रेटरी जनरल ललित भनोट तथा नौ अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार, चोरी, और आपराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं। सीबीआई द्वारा जांच के बाद दाखिल की गई चार्जशीट में इन 11 लोगों पर खेलों के आयोजन के दौरान स्विस टाइमिंग ओमेगा नामक कंपनी को अनाप-शनाप कीमतों पर खेलों में टाइमिंग, स्कोरिंग तथा रिजल्ट दिखाने के लिए सिस्टम इंस्टॉल करने का ठेका दिया गया था, जिससे कथित रूप से सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा का नुकसान हुआ। सीबीआई का आरोप है कि कलमाडी और अन्य ने स्पेन की कंपनी एमएसएल की सिर्फ 62 करोड़ रुपये की बोली को नज़रअंदाज़ कर यह ठेका स्विस टाइमिंग ओमेगा को दिया, जिससे सरकारी खजाने को यह नुकसान हुआ।
इन सभी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) तथा भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें धारा 120 (बी) (आपराधिक षड्यंत्र रचने), धारा 420 (बेईमानी और धोखाधड़ी करने), तथा धारा 468 व 471 (फर्जीवाड़ा करने) शामिल हैं। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश तलवंत सिंह ने 21 नवंबर को कहा था कि इस मामले में 21 दिसंबर को आदेश सुनाया जाएगा। मामले के अभियुक्तों में कलमाडी और भनोट के अलावा आयोजन समिति के महानिदेशक वीके वर्मा, महानिदेशक (प्रबंध) सुरजीत लाल, संयुक्त महानिदेशक (खेल) एएसवी प्रसाद और कोषाध्यक्ष एम जयचंद्रन भी शामिल हैं, जिनका अब इस संस्था से संबंध नहीं है।
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