अगरतला में नेशनल लिब्रेशन फ्रंट आफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के 11 उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने यह जानकारी रविवार को दी। इन उग्रवादियों में इस संगठन का कमांडर सुरैन देबबर्मा भी शामिल है। पुलिस प्रवक्ता ने पत्रकारों से कहा, "सीमा सुरक्षा बल (बीएसएप) के सामने शनिवार रात आत्मसमर्पण करने से पहले इन सभी ने चोरी-छिपे बांग्लादेश की सीमा से भारतीय सीमा में प्रवेश किया था।"
इन उग्रवादियों ने कारबूक सीमा से प्रवेश किया था जहां उन्हें पहाड़ी इलाके से मदद मिल गई थी। पुलिस अधिकारी के मुताबिक देबबर्मा ने 20 अगस्त 2002 में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के 21 जवानों की हत्या की थी। वह हत्या सहित कई मामले में वांछित है।
पुलिस के मुताबिक बंग्लादेश स्थित अपने शिविर चटगांव हिल ट्रैक्ट्स से गत सप्ताह फरार हुआ एक व्यक्ति ने एके 47 श्रृंखला के राइफल सहित हथियार और युद्ध की सामग्री भी सौंप दी है। फिलहाल बीएसएफ उनसे पूछताछ कर रही है। बांग्लादेश स्थित उग्रवादी संगठन एनएलएफटी और आल त्रिपुरा टाइगर फोर्स त्रिपुरा में प्रतिबंधित है।
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