दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार के खिलाफ बुलंद आवाज़ के साथ शनिवार को सड़कों पर उतरे कुछ लोग रात भर विजय चौक पर डटे रहे. पुलिस ने रविवार तड़के उन्हें वहां से हटाते हुए इलाके में धारा 144 लगा दी है जिसके तहत लोग सार्वजनिक जगहों पर एकजुट नहीं हो सकते हैं.
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को जानकारी दी थी कि पीड़िता का बयान एक सब-डिवीज़नल मजिस्ट्रेट ने सफदरजंग अस्पताल जाकर रिकॉर्ड किया गया है. पीड़ित लड़की ने अपने बयान में पूरा घटनाक्रम सिलसिलेवार तरीके से बताया है. इसी कड़ी में प्रदर्शनकारियों को रोकने के इरादे से प्रधानमंत्री निवास और राष्ट्रपति निवास के नजदीक पड़ने वाले मेट्रो स्टेशनों को रविवार को बंद करने का आदेश जारी किया गया है. ऐसी भी खबरें आ रही है कि रविवार को फिर प्रदर्शनकारी विजय चौक और इंडिया गेट पर इकट्ठा होंगे वहीं बाबा रामदेव के भी इस आंदोलन में भाग लेने की रिपोर्टें आ रही हैं
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन और रेस कोर्स मेट्रो स्टेशन रविवार को बंद रहेंगे. अधिकारियों का कहना है कि यह कदम दिल्ली पुलिस के निर्देशों पर उठाया गया है. इन स्टेशनों को दोबारा कब खोला जाएगा, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है.
दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों का कहना है, ''दिल्ली पुलिस से अगला आदेश मिलने तक ये स्टेशन बंद रहेंगे. हालांकि केंद्रीय सचिवालय पर ट्रेन बदली जा सकेगी.'' इससे पहले, शनिवार को रायसीना हिल्स पर हज़ारों लोगों ने एकजुट होकर दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति चिंता जताते हुए जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था.
शनिवार को इंडिया गेट और विजय चौक पर शुरु हुआ प्रदर्शनों का सिलसिला रात में यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी के घर के सामने तक पहुंच गया. 10 जनपथ के बाहर मौजूद प्रदर्शनकारियों की नारेबाजी देखकर सोनिया गांधी लोगों से मिलने बाहर आईं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
सोनिया गांधी ने लगभग 15 मिनट तक प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि हर हाल में सख्त कार्रवाई होगी. लेकिन सोनिया गाँधी के इस जवाब से प्रदर्शनकारी संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने पूछा कि वह समय बताएं कि कितने दिनों में कार्रवाई होगी. सोनिया गांधी ने कोई समय सीमा नहीं बताईं और प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील कर वापस चली गईं.
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने यहां तक कहा है कि उनकी भी तीन बेटियां हैं और वो मामले की गंभीरता को समझते हैं. गृहमंत्री ने कहा कि वो व्यक्तिगत तौर पर खुद इस मामले पर नज़र रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस घिनौने अपराध पर आने वाली प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए जांच आयोग कानून 1952 के तहत एक जांच आयोग गठित करेगी. यह आयोग राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा सुधारने के लिए उपाय सुझाएगा.
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