दामिनी प्रकरण में तालिबानी कानून की वकालत
दिल्ली गैंगरेप की शिकार दामिनी की मौत के बाद सरकार व नेताओ तथा कतिपय बुद्धिजीवियों के विचारो से व्यथीत नरकटियागंज ब्लाॅक रोड बरवा निवासी दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र नज़ीर अहमद ने दूरभाष पर कहा कि आम छात्र व लोगो की बात भी अखबारो में आनी चाहिए। उन्होने यह नहीं कहा कि सरकार पूरी तरह से तालिबानी कानून अपना ले, अलबत्ता जिस देश में महिलाएँ पूज्या हों वहाँ उनका दिन दहाड़े आबरूरेजी होती है और उसके बाद उसकी मौत होती है, तथा सरकार ठोस कानून बनाने की बात करती है। बलात्कार निरोधक कानून के मामले में तालिबानी कानून का अनुशरण सरकार को करनी चाहिए। इससे बलात्कारियो के होश फाख्ता हो जाएंगे। वैसे भी भारतीय संविधान कई देश के संविधान से निकाले गये अच्छे कानून का समिश्रण है।
(अवधेश कुमार शर्मा)
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