राज्यसभा ने अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को प्रोन्नति के दौरान आरक्षण के प्रावधान वाले संविधान संशोधन विधेयक को सोमवार को पारित कर दिया। संविधान (में 117वां संशोधन) विधेयक, 2012 पर दो दिनों तक चली बहस के विधेयक के पक्ष में 206 सदस्यों ने वोट दिया तथा 10 ने इसके खिलाफ वोट दिया। यह विधेयक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की एक प्रमुख मांग रही है, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) इसका विरोध कर रही है।
सपा सदस्य राम गोपाल यादव ने कहा कि प्रोन्नति में परिस्थितिजन्य वरिष्ठता गलत है और लोगों में इससे द्वेष पैदा होगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि सरकार को अनुच्छेद 335 से सम्बंधित विधेयक के प्रावधानों पर पुनर्विचार करना चाहिए। यह अनुच्छेद प्रशासन में दक्षता से निपटता है।
यह विधेयक नौकरियों और प्रोन्नति के लिए एससी व एसटी के दावों से प्रशासनित दक्षता शब्द को असम्बद्ध करता है। यह विधेयक चार सितम्बर को राज्यसभा में पेश किया गया था। विधेयक में कम से कम संविधान के चार अनुच्छेदों को संशोधित करने की मांग की गई है, ताकि सरकार को यह अधिकार मिल सके कि वह एससी और एसटी को प्रोन्नति में आरक्षण मुहैया करा सके।
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