सामूहिक बलात्कार की शिकार होने के बाद पिछले 10 दिनों से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा को बुधवार रात हवाई एम्बुलेंस से विशेष इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया है. उसे सिंगापुर में माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. यह अस्पताल अंगों के ट्रांसप्लांट के लिए मशहूर है. सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. बी डी अथानी ने इस बारे में जानकारी दी.
इंदिरा गांधी एयरवेज की निजी चार्टर्ड एयर एम्बुलेंस ने बुधवार रात करीब पौने बारह बजे सिंगापुर के लिए उड़ान भरी गई. दिल्ली से सिंगापुर की उड़ान साढ़े पांच घंटे की है. एयर एम्बुलेंस में आईसीयू सुविधाएं उपलब्ध हैं. सफदरजंग अस्पताल में क्रीटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) के प्रमुख डा. यतीन गुप्ता सहित चार अन्य डाक्टरों की एक टीम भी छात्रा के साथ सिंगापुर गई है. छात्रा के साथ उसके माता-पिता भी गए हैं.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि लड़की तथा उसके परिवार के सदस्यों के पासपोर्ट तथा सिंगापुर वीजा की व्यवस्था विदेश मंत्रालय ने त्वरित गति से की. सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग को सरकार ने कहा है कि लड़की को सभी प्रकार की सहायता मुहैया करायी जाए. सूत्रों ने बताया कि लड़की को सिंगापुर भेजने का फैसला सरकार में उच्च स्तर पर किया गया.
डा. अथानी ने कहा कि 'डाक्टरों की टीम ने फैसला किया कि मरीज को माउंट ऐलिजाबेथ अस्पताल (सिंगापुर) ले जाया जाए. इस अस्पताल में मल्टी आर्गन ट्रांसप्लांट के लिए आधुनिक सुविधाएं हैं. इलाज में समय लग सकता है.' लड़की की आंत तथा पेट में गंभीर चोटें आने की बात को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि सिंगापुर में लड़की का कई तरह का इलाज होगा और उसमें कई सप्ताह का समय लग सकता है. लड़की की आंत के हिस्सों को सर्जरी के जरिए निकाल दिया गया था.
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज को अधिकतर समय वेंटीलेटर पर ही रखा गया था. उसे 16 दिसंबर की रात को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार की शिकार होने के बाद सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस मामले को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है. पीड़िता को डाक्टरों ने मानसिक रूप से संयत और भविष्य के लिए आशावादी बताया था. उपचार के दौरान उसकी हालत में कुछ सुधार भी देखा गया, लेकिन बीती देर रात उसकी हालत बिगड़ गई थी. बार-बार हो रहा संक्रमण भी डाक्टरों के लिए चिंता का कारण था.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को दिन में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पीड़िता के उपचार के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया गया, लेकिन अंतिम फैसला डाक्टरों पर छोड़ दिया गया. सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार सिंगापुर में मरीज के इलाज पर आने वाला सारा खर्च वहन करेगी.
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